Sarika Verma
ये प्रथा आख़िर कब तक
कभी-कभी इंसान इस हद तक हैवान बन जाता है कि वो वहशीपन की सारी हदें पार कर देता है और उसे लगने लगता है कि अब उसे कोई नहीं रोक सकता। लेकिन जब किसी हैवान को ऐसा लगता है कि अब वह सबसे ताकतवर है और उसे कोई नहीं रोक सकता। तो उसे पता भी नहीं चलता और उसे जहन्
ये प्रथा आख़िर कब तक
कभी-कभी इंसान इस हद तक हैवान बन जाता है कि वो वहशीपन की सारी हदें पार कर देता है और उसे लगने लगता है कि अब उसे कोई नहीं रोक सकता। लेकिन जब किसी हैवान को ऐसा लगता है कि अब वह सबसे ताकतवर है और उसे कोई नहीं रोक सकता। तो उसे पता भी नहीं चलता और उसे जहन्
मुझमें तू बसा
क्यों रूठा है तेरा भी दिन आएगा वह खुदा आखिर कब तक तुझे आजमाएगा झोंक दे अपनी जान लक्ष्य को पाने में फिर देखना वह आसमान भी एक दिन तेरे पैरों में झुक जाएगा। मेरे प्यारे दोस्तों!! हाजिर हूं मैं! फिर से आप सबके सामने। अपनी एक नई रचना लेकर। मेरी इस र
मुझमें तू बसा
क्यों रूठा है तेरा भी दिन आएगा वह खुदा आखिर कब तक तुझे आजमाएगा झोंक दे अपनी जान लक्ष्य को पाने में फिर देखना वह आसमान भी एक दिन तेरे पैरों में झुक जाएगा। मेरे प्यारे दोस्तों!! हाजिर हूं मैं! फिर से आप सबके सामने। अपनी एक नई रचना लेकर। मेरी इस र