क्यों रूठा है तेरा भी दिन आएगा वह खुदा आखिर कब तक तुझे आजमाएगा झोंक दे अपनी जान लक्ष्य को पाने में फिर देखना वह आसमान भी एक दिन तेरे पैरों में झुक जाएगा। मेरे प्यारे दोस्तों!! हाजिर हूं मैं! फिर से आप सबके सामने। अपनी एक नई रचना लेकर। मेरी इस रचना में आपके दिल को अलग-अलग एहसासों के रंग छूकर जाएंगे। जिनमें सबसे पहला एहसास होगा प्यार, धोखा, मायूसी, हिम्मत ,रहस्य, और जिंदगी जीने का जज्बा। इस कहानी में आपको दिखेगा की जब जिंदगी के सारे रास्ते अंधेरे में डूबे नजर आएं और हमें ऐसा लगे कि हम जिंदगी की जंग हार गए हैं। तब एक उम्मीद की रोशनी हमें फिर से जिंदा कर देती है। अब यह सोचने वाली बात है ,हमारी जिंदगी में वह उम्मीद बनकर आता कौन है?? वह कोई इंसान भी हो सकता है? या कोई सोच भी हो सकती है!! यह फिर ऐसा कोई जिसके जैसा बनने का हमने हमेशा सपना देखा हो। और इस कहानी में एक एहसास और मिलेगा आप सबको वह होगा थोड़ा सा हॉरर और अनएक्सपेक्टेड ट्विस्ट!!! तो आप सब लोग तैयार हो जाइए! मेरे साथ इस नए सफर पर चलने के लिए। जिसमें हर कदम पर आपको अनिश्चिता था देखने को मिलेगी। ऐसा महसूस होगा कि यह चीज अभी यहां थी। लेकिन अब नहीं है ,और सबके जहन में होगा एक ही सवाल... क्यों??? आखिर ऐसा क्यों??? तो आप सब को भी अपने इस क्यों के जवाब मिलेंगे मेरी इस कहानी में... मुझ में तू बसा