शालिनी गुप्ता "प्रेमकमल"
मैं एक शिक्षक हूँ और अपनी पहचान तलाश रही हूँ ,दिल में बहुत कुछ है, जो सबको सुनाना चाह रही हूँ ..रोज ही तो सबके लिए जीती हूँ और रोज सबको सुनती हूँ,लेकिन अब कुछ पल अपने लिए जीना चाहती हूँ और स्वयं को सुनना व पहचानना चाहती हूँ l यदि आपको मेरे विचार पसंद आये तो आपकी थोड़ी सी सराहना चाहती हूँ.... या हो कुछ शिकायतें या आए नजर कुछ त्रुटियाँ तो उन्हें सुधारने की आपसे कुछ गुंजाइश चाहती हूँ l
अम्मा
ये कहानी है एक बहु की नजर से उसकी सास "अम्मा" की ...या कह सकते है मेरी दादी की.. मेरी माँ की नजर से.. मैंने कहने की कोशिश की है जो मैने देखा, सुना, समझा... ये मेरी ओर से मेरी दादी के लिए एक श्रद्धांजलि हैं l 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 सुबह के छह बज रहे थे..
अम्मा
ये कहानी है एक बहु की नजर से उसकी सास "अम्मा" की ...या कह सकते है मेरी दादी की.. मेरी माँ की नजर से.. मैंने कहने की कोशिश की है जो मैने देखा, सुना, समझा... ये मेरी ओर से मेरी दादी के लिए एक श्रद्धांजलि हैं l 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 सुबह के छह बज रहे थे..
स्त्री.... कहानी संग्रह
एक स्त्री के जीवन की विडंबना और सच्चाई से रुबरू कराती हुई कुछ कहानियाँ 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
स्त्री.... कहानी संग्रह
एक स्त्री के जीवन की विडंबना और सच्चाई से रुबरू कराती हुई कुछ कहानियाँ 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸