shabd-logo

तुम औरत हो समझो जरा!!

1 नवम्बर 2021

60 बार देखा गया 60

article-image


पैदा होते ही जिसे उसकी, कमजोरियाँ गिनवायी जाती हैं,
तुम औरत हो समझो जरा,बात ये हर रोज बताई जाती हैl

समाज में बदस्तूर, पहले देवी तो कभी लक्ष्मी बना कर,
सम्मान से,बड़े रुतबे के साथ बैठाकर, पूजी जाती है,और
फ़िर धीमे से उसको घर में,उसकी औकात बताई जाती हैl
क्यों,गलती करे मर्द और दोषी औरत ही ठहरायी जाती है
अलग अलग रिश्तों के नाम पर, हर रोज ठगायी जाती है l

पैदा होते ही जिसे उसकी, कमजोरियाँ गिनवायी जाती हैं l
तुम औरत हो समझो जरा,बात ये हर रोज बताई जाती हैं,

जीवनदायिनी ताकत को उसकी,कमजोरी बताई जाती हैं , इसी बहाने,लक्ष्मणरेखा के जंगल में कैद करदी जाती है l
हँसने पर भी उसके जहाँ पर, तलवार लटकायी जाती हैं l
तुम बेटी हो, तुम्हारी यही मर्यादा है,
                तुम बहू हो, तुम्हारी आवाज बहुत ज्यादा है l
बातों की ये घुट्टी, हर दिन घिस कर, उसे चटायी जाती हैं l

पैदा होते ही जिसे उसकी, कमजोरियाँ गिनवायी जाती हैं l
तुम औरत हो समझो जरा,बात ये हर रोज बताई जाती हैं,

क्यों उसे सरस्वती के पंख देकर,उड़ने दिया नहीं जाता है l
क्यों आदर्शो व असुरक्षा की दुहाई दे,उसे घर की देहरी से,
पराया धन तो कभी बोझ कहकर,विदा कर दिया जाता है,
जिस स्त्री के बिना कोई घर और सृष्टि,चल नहीं सकती है,
उसे दुर्बल कह,स्वतंत्र अस्तित्व को उसके,नकारा जाता है,

पैदा होते ही जिसे उसकी, कमजोरियाँ गिनवायी जाती हैं l

तुम औरत हो समझो जरा,बात ये हर रोज बताई जाती हैं,

कभी परवरिश के नाम पर,कभी रीतिरिवाजो के नाम पर,
अबला है तू ,कूट कूटकर बात ये मन में,यूँ भर दी जाती है,
कि एक स्त्री ही,दूसरी स्त्री के विरोध में खड़ी नजर आतीहै
पैदा होते ही जिसे उसकी, कमजोरियाँ गिनवायी जाती हैं l
तुम औरत हो समझो जरा,बात ये हर रोज बताई जाती हैं,

✍️शालिनी गुप्ता प्रेमकमल🌸
(स्वरचित)

रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बहुत सुन्दर 👌 👌 👌 👌

29 दिसम्बर 2021

Anita Singh

Anita Singh

बहुत खूब कहा है,तुम औरत हो समझो जरा

25 दिसम्बर 2021

13
रचनाएँ
Shalini की डायरी
5.0
कविता संग्रह..." एहसासो की दुनिया "
1

एक सवाल

15 अक्टूबर 2021
9
6
10

<div align="left"><p dir="ltr">गुजार दिए जिनके साथ,कई साल यूँ ही <br> बस बैठे बैठे दिल में, एक सवाल

2

आपसे बाँट लूँ

15 अक्टूबर 2021
3
2
3

<div align="left"><p dir="ltr">दिल में भाव है बहुत, जो उमड़ रहे है रह रह के <br> सोचा जरा उन्हें मैं

3

स्त्री.. एक एहसास

16 अक्टूबर 2021
5
4
8

<div align="left"><p dir="ltr"><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazon

4

घाव गहरा था बहुत

20 अक्टूबर 2021
6
4
8

<div align="left"><p dir="ltr"><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazon

5

थोड़ा सा बदलाव चाहती हूँ

25 अक्टूबर 2021
6
4
6

<div align="left"><p dir="ltr"><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazon

6

शाख से लिपटे हुए पत्ते

25 अक्टूबर 2021
5
4
6

<div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/61692cc3f

7

तुम औरत हो समझो जरा!!

1 नवम्बर 2021
3
2
2

<div><br></div><div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/art

8

मैं भी इंसान हूँ!!

3 नवम्बर 2021
3
2
3

<div><br></div><div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/art

9

कोशिशें

17 नवम्बर 2021
5
5
7

<div><br></div><div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/art

10

माँ

23 नवम्बर 2021
5
3
5

<div align="left"><p dir="ltr"><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/61692cc3f

11

जिंदगी कहाँ आसान होती है

26 नवम्बर 2021
5
4
3

<div><br></div><div><br></div><div><br></div><div><div align="left"><p dir="ltr"><br></p><p dir="ltr

12

एक ख्वाब जो...

19 दिसम्बर 2021
1
2
3

<div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/61692cc3f

13

ख्वाहिशें

19 दिसम्बर 2021
2
2
2

<div><br></div><div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/art

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए