जिंदगी कहाँ आसान होती है,
कभी सुबह, तो कभी ढली शाम होती है,
रुकने से नहीं कोई फ़ायदा यहाँ,
बस चलते ही रहने से, ये आसान होती है l
जिंदगी कहाँ आसान होती है,
कभी तपती रेत,तो कभी घनी छाँव होती है,
सब सहने का तू कर हौसला,
आगे बढ़ने से ही, ये आसान होती है l
जिंदगी कहाँ आसान होती है,
काँटो से भरी,तो कभी फ़ूलों सी आबाद होती है,
डरने से,है नहीं कोई यहाँ फ़ायदा,
हौसलों से ही, उसकी उड़ान होती है l
जिंदगी कहाँ आसान होती है,
आँसू से भरी,तो कभी उदासी से आबाद होती है,
रोते रहने से, है नहीं यहाँ कोई फ़ायदा,
बस हँसते रहने से ही, ये आसान होती है l
जिंदगी कहाँ आसान होती है...
✍️शालिनी गुप्ता प्रेमकमल🌸
(स्वरचित)सर्वाधिकार सुरक्षित