शाख से है रंग उड़ा मन है बेरंग सा
होंठ पर है धूप खिला दर्द ने है आह भरा
रंग पर जब रंग चढ़ा रूह से आवाज़ आई
ये ज़िन्दगी है आयशा ये भी ज़िन्दगी है क्या
30 मार्च 2021
शाख से है रंग उड़ा मन है बेरंग सा
होंठ पर है धूप खिला दर्द ने है आह भरा
रंग पर जब रंग चढ़ा रूह से आवाज़ आई
ये ज़िन्दगी है आयशा ये भी ज़िन्दगी है क्या