डूबा रंज ओ ग़म में ऐसा ,शादमानी भूल गया है.
ज़माना क्यूँ मुहब्बत की , कहानी भूल गया है...
©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी ,इंदौर
©काज़ीकीक़लम
24 फरवरी 2022
डूबा रंज ओ ग़म में ऐसा ,शादमानी भूल गया है.
ज़माना क्यूँ मुहब्बत की , कहानी भूल गया है...
©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी ,इंदौर
©काज़ीकीक़लम