shabd-logo

सोच

7 जनवरी 2022

53 बार देखा गया 53
सोच अच्छी हो तो सब संवर जाता है।
कितना भी हो मुश्किल सवाल,
हल निकल आता है।
सोच हो ऊंची तो आदमी आगे बढ जाता है।
रास्ते हो संकरे भले ही ,
राह फिर भी वो निकाल  लाता है।
मंजिल  हो दूर कितनी भी,
पहुँच  वहा जाता है।
सोच की न पूछ  सब इसी पर टिका जाता है ।
नीची सोच का तो हाल नीच ही रह जाता है ।
पाता नही सम्मान कोई,
नजरो से भी गिर जाता है।
 सो सोच रखो  सदा ऊंची, 
 जिससे खुदा भी घबराता है ।
देता वो सारी नियामते,
जो रख सबसे छुपाता है।
सोच सोच की बात है संदीप ही यह बताता है।
खुश रहो खुश रखो ,इस सोच मे मजा आता है।
Scripted by
Sandeep Sharma Sandeepddn71@gmail.com Sanatansadvichaar.blogspot.com Jai shree Krishna g 
all copyright rights reserved. 

कविता रावत

कविता रावत

सोच सोच की बात है संदीप ही यह बताता है। खुश रहो खुश रखो ,इस सोच मे मजा आता है। बिलकुल सही बात

9 जनवरी 2022

Sandeep Sharma

Sandeep Sharma

Beautiful lines. Jai shree Krishna g 👌 🙏 💖

7 जनवरी 2022

5
रचनाएँ
नूतन पुरातन
0.0
पौराणिक व्यवस्थाओ को समझे। आज हम यहा कलावा यानि मौली जो हर पूजन अर्चन पर कलाई पर बांधते है ।के बारे मे थोडी जानकारी सांझा करने जा रहा हू। स्वीकार करे अन्यथा न ले। जय श्रीकृष्ण।
1

कलावा या मौली ।की सार्थकता।

30 दिसम्बर 2021
2
1
1

<div><span style="font-size: 16px;">मौली (कलावा) का महत्त्व</span></div><div><span style="font-size:

2

एक पौराणिक कथा।

2 जनवरी 2022
1
0
0

महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी तब वो बड़े दुःखी रहते थे...पर ऐसे समय में उनको एक ही बात से हौंसला मिलता था जो कभी उन्हें आशाहीन नहीं होने देता था।और वह था श्रवण के ..

3

Metal pots.n their effects.

6 जनवरी 2022
0
0
0

collection bye sandeep Sharma Sandeepddn71@gmail.com Sanatansadvichaar.blogspot.com Jai shree Krishna g 👌 Pl accept. *आइये जानते है कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से क्या क्या लाभ और हा

4

मौत पर वश नही।

6 जनवरी 2022
1
1
1

मृत्यु पर वश नहीं...〰️〰️🌼〰️〰️बात है, तेरह सौ वर्ष से भी अधिक पहले की। रत्नों का व्यापार करने वाला एक जौहरी था। व्यवसाय की दृष्टि से वह प्रख्यात रोम नगर में गया और वहाँ के मन्त्री से मिला। मन्त्री ने

5

सोच

7 जनवरी 2022
1
1
2

सोच अच्छी हो तो सब संवर जाता है।कितना भी हो मुश्किल सवाल,हल निकल आता है।सोच हो ऊंची तो आदमी आगे बढ जाता है।रास्ते हो संकरे भले ही ,राह फिर भी वो निकाल लाता है।मंजिल हो दूर कितनी भी,पहुँच&n

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए