shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

Sudha Singh की डायरी

Sudha Singh

2 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

 

sudha singh ki diary

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

मुझे ऐसा हिंदुस्तान चाहिए!

9 मई 2017
0
0
0

मुझे ऐसा हिंदुस्तान चाहिए!मुझे एक खुला और उन्मुक्त आसमान चाहिए!मिले जहाँ आशा का सूरज, ऐसी एक दुकान चाहिए! (1)संवेदनाए अभी बाकी हो जिसमें, ऐसा इन्सान चाहिए!दरों -दीवारों से टपके जहाँ प्रेम रस, ऐसा एक मकान चाहिए!(2)मझधार में फंसे डूबते जहाज को जो पार लगा दे, ऐसा कप्तान चाहिए!देशहित में जी - जान लुटा द

2

माँ

13 मई 2017
0
2
4

माँ माँ ऐसा कुछ नहीं, जो तेरी ममता के समतुल्य है! मुझपर तेरा प्रेम, तेरा कर्ज अतुल्‍य है! धूप में सदा तू छाँह की तरह रही , पापा की डाँट से बचाने वाली ढाल की तरह रही! मेरी दुख की घड़ियों में सुख के सुर और मधुर ताल की तरह रही! अपनी हर ख्वाहिश को दबा कर, मेरी हर ख्वाहिशो

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए