रक्षा -बंधन
एक बार रक्षा-बंधन के त्योहार में,बहन भाई से बोली बड़े प्यार मेंमेरी रक्षा करना तुम्हारा फ़र्ज़ हैक्योंकि तुम पर इसरेशम की डोरी का क़र्ज़ हैभाई भी मुस्कुरा कर बोलाबहन के सिर पर हाथ रख करतुम्हारी इज़्ज़त की रक्षा कारूँगा मैंअपनी जान हथेली पर रखकरयह सुना बहन ने तो बोलीथोड़ा सा सकुचा करयह इक्कीसवीं सदी