shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

sudhiracharya

डॉ सुधीर आचार्य

7 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

कविता,कहानी,समसामयिक लेखन,त्वरित टिपण्णी ,समीक्षा  

sudhiracharya

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

दिल में हिंदी की हूक है , जुबाँ पर इंग्लिश की फूँक ……।..

14 सितम्बर 2015
0
2
1

दिल में हिंदी की हूक है , जुबाँ पर इंग्लिश की फूँक ……।मुँह पर ही गिरेगा भैया , मत मुँह उठा कर थूक ।.

2

दुःख का कारण सुख

16 सितम्बर 2015
0
3
0

मित्र ने एक दिन पूछा -लगातार बढ़ती बैचेनी और परेशानी का निवारण हमने कहा -ये सारी खुशियां हैं इसका कारण .वो बोला ! बात कुछ समझ न आई हमने कहा -जाके पांव न फटी बीबाई, वो क्या जाने पीर पराई ।

3

कमाई

17 सितम्बर 2015
0
4
1

घर में घुसते ही ,माँ बोली ! बेटा निबट गई है दबाई सुनते ही बेटे ने ,पीठ पीछे छिपाई रस मलाई और बोला ! अभी पैसे नहीं हैं माई ---

4

अध्यापक का दर्द

20 सितम्बर 2015
0
2
1

न बीमा न पेंसन हे ,जीभन भर का टेंसन हे, वेतन कम काम अधिक बेचारा मुशीबत का मारा भटक रहा हे इधर उधर

5

चम्बल से अभिप्राय...

24 सितम्बर 2015
0
2
1

चम्बल की माटी में स्वाभिमान ,शौर्य के कण समाहित हैं . चम्बल का शाब्दिक अर्थ है ,चम् यानि आचमन और बल अर्थात शक्ति . मतलब शक्ति का आचमन करने वाले चम्बल वासी शूरवीर ,निडर और आन-बान-शान पर मर मिटने वाले हैं . चबल के भरखे ,निर्जन बीहड़ डकैतों के लिए सुरक्षित शरण स्थली साबित हुए ,इसलिए चम्बल अंचल बदनाम ह

6

उपवास

13 अक्टूबर 2015
0
2
0

स्वयं को स्वयं के पास ले जाना , स्वयं से संवाद में निमग्न हो जाना , अर्थात स्वयं के करीब आना, स्वयं के पास बैठना ही उपवास है .कहने का तात्पर्य है स्वयं के परिष्कार और परिमार्जन की क्रिया उपवास से संभव है ।.

7

त्यौहार मानुंगा...

11 नवम्बर 2015
0
0
0

जो हमें दिल से बड़ा कर जाए उसे त्यौहार मानूँगा जो हमें  नफरतों से उबार जाए उसे त्यौहार मानूँगाजो भेद-भाव की दीवार गिरा जाए उसे त्यौहार मानूँगा जो झोंपड़ी में भी हों सोलह श्रंगार उसे त्यौहार मानूँगा ।. 

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए