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swaraj की डायरी

swaraj

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swaraj ki diary

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पुस्तक के भाग

1

पागल दिल

11 सितम्बर 2016
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में अपने हमसफर दोस्त को में अपनी नईन काम को दीखाने के बहुत ही इच्छुक था तो उसे वो काम को दिखाने के लिए एक दिन उसे लेकर चल निकला बजार में दिखाने के लिए लेकिन बिच रास्ते में बारिश आ जाती हैं फिर भी मुझे वो नया काम मुझे उसे दिकाना हैं हम दोनों बारिश में भीग रहे हैं। मेरे दिल को उनको भीगा देख नहीं शकत

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भूल ने की। दवा

8 नवम्बर 2016
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भूल ने की दवाहर किसी के जिवन मा कुछ ऐसे पल आ जाते हैं की उस पल को हम भूल ना चाहते हैं। ऐसा मेरे जिवन में ऐसा ही हुआ बात उस वक्त की हैं जब मुझे सची यारी होती वो भी हम साथे में जॉब करते बाद में उसने जॉब छोड दी हम बटे fb के जरिये बाते करने लगे बडी में ऐसा हुआ की हम ज्यादा बाते करने लगे ओर हम ऐसे कुछ ऐस

3

लागणी

5 फरवरी 2017
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मतलब बहुत ही ख़ूबशूरत चीज हैं,इस बहाने अपने याद तो करते हैं.....

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