T.G.Mishra
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पहली बार देखा
कुछ अल्फाज तुम्हारे नाम,मेरे नादां साथी। |माना तुम अब हमारे साथ नहीं हो,पर तुम्हारी दी गई यादें हमें हमेशा हंसाएगी और हाँ, जब भी याद करूँगा तो चेहरे पर हंसी जरूर आएगी।| |ये पंकियाँ मेरे साथी और एक ऐसे दोस्त के नाम जो मेरे जिंदगी का अहम हिस्सा था,तुम
पहली बार देखा
कुछ अल्फाज तुम्हारे नाम,मेरे नादां साथी। |माना तुम अब हमारे साथ नहीं हो,पर तुम्हारी दी गई यादें हमें हमेशा हंसाएगी और हाँ, जब भी याद करूँगा तो चेहरे पर हंसी जरूर आएगी।| |ये पंकियाँ मेरे साथी और एक ऐसे दोस्त के नाम जो मेरे जिंदगी का अहम हिस्सा था,तुम
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