आज वतन के नाम की शाम हैं,,
मुझे रंग केसरिया पे गुमान हैं,,
परचम फैला हैं,इसका हर और साथी,,
चौड़ी होती हैं,, देख,, "तिरंगे" को,,
लहर ,लहर, लहराते ,अपनी छाती।।
बहादुर है मेरी सेना का हर वीर,,
जरा देखे तो कोई तिरछी नज़र से,
उसके घर घुस कर ,,
देता हैं,,कलेजा ये चीर।।
सफेद रंग की भी अपनी ही आन हैं,
चांद पर हो आना महज खर्च स्कूटर के,
यह तो अपने ही वैज्ञानिकों की कर्म शक्ति प्रज्ञान है,,
हैरान होते हैं वो देश नौसिखिए,
जो डालते थे अड़चन तरक्की हमारी मे ,
अब ऑखे है बैठे भींचे।।
चक्र देखा इसका चौबीस तिलियों वाला,
तरक्की को भाग रहा हर पल,
हर भारतीय मतवाला।।
रौबदार है,
चुनौतियाँ सब स्वीकार है,
हो कोई वैश्विक आपदा,या बिमारी,
झट तैयार है दवा,,
देता दान तक इसका भी भारी।।
रंग हरा तो वाकई हसीन हैं,भूमंडल हो या
या नभ आकाश,,वायुमंडल ,,
या परे उससे भी आकाश सारा,,
सभी और तेज वर्चस्व हैं,,
ए भारत 🇮🇪 🇹🇯 🇮🇪तुम्हारा।।
भारतीय ध्वज हो तो गोली रोक देता हैं।
यह ध्वज तिरंगा,मौत तक रोक देता है।
यकीन न हो तो,
यूक्रेन मे फसे लोगो से पूछो,
ये वो भारत है जो कहता अब,,
किसी के आगे मत झुको।।
गौरवान्वित करता मेरा तिरंगा प्यारा ,,
लहर लहर लहराए, देश का तिरंगा प्यारा।।
विविधता मे एकता ,इसकी पहचान हैं,,
हर थाह, हर क्षेत्र लहराए तिरंगा,,
यही हर भारतीय का अरमान है,,
यही हमारा गौरव, यही हमारा सम्मान है।।
मांगे तो सही एक कतरा, कही,,
हम सब बहा देगे खूं अपना ,,
हमे इतना प्यारा है यह तिरंगा ,,
यही हमारी आन,बान,शान है।।
आज देश की आजादी की शाम है,,
नशे मे हूं इस माटी की,, सुंगध की,,
इतना प्यारा मेरा हिंदुस्तान है।।
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मौलिक हिन्दुस्तानी रचनाकार ,,
भारत पर गौरवान्वित,,
संदीप शर्मा।।
भारत से।।🇨🇮🇹🇯🇮🇪