यह मानव कौल द्वारा लिखा 12 हिंदी कहानियों का संग्रह है। लोग मानव को एक नाटककार, नाटक-निदेशक, फिल्म अभिनेता, निर्देशक आवाम लेख के तौर पर पहचानते रहे हैं। मगर हिंद युगम पहली बार इनकी कहानियों को पाठक के लिए आया है। ठीक तुम्हारे पीछे मानव कौल का पहला कहानी-संग्रह ही नहीं, उनके रचनात्मक सफ़र का एक अहम पड़ाव भी है। इसमें वो नहीं है जो सब जगह ढूंढते है, इसमें वो मिलेगा जो ढूंढना नहीं चाहते है, जिससे भागते है। जो है हमारे अन्दर लेकिन कभी किसी से कहा नहीं, या कभी किसी ने सुना नहीं। अभिनय देख कर दंग रह जाते है कि ये इंसान इतनी गहराई लिए हुए लिख भी सकता है क्या। आपको अहसास होगा कि आप जिसको देख रहे हो और जिसको पढ़ रहे हो वो दो अलग अलग लोग है।
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