तुम से मिलने को जी चाहता है.
ना हकीकत से भाग सकता हूँ, ना ख्वाबों में जी सकता हूँ,
ना जाने क्यों फिर भी तेरे ख्वाबों में जीने को जी चाहता है.
हकीकत में मिलना मुमकिन ना सही,
ख़्वाबों में आना कुछ कम तो नहीं.
जीने का मकसद तू ना सही तेरे ख़्वाब ही सही,
करीब दिल के तू ना सही तेरी यादें ही सही.
नशा तेरी आँखों का नहीं तो शराब का ही सही,
ना जाने क्यों फिर भी तुम से मिलने को जी चाहता है. (आलिम)