टूटा हुआ कप
एक दिन बड़े सवेरे सवेरे
भाग फूटे मेरे
कि किसी और की गलती से
टूट गया हैंडल मेरा
मम्मी ने तिरछी नज़रों से
उस व्यक्ति को हेरा
जिसकी गलती थी
वो बहाने बनाकर बच गया
यहां हड़कंप
मेरे जीवन मे मच गया
टूटे हुए कप में
चाय पीना अपसगुन है
ऐसा हवाला दे कर
तत्काल प्रभाव से
निष्कासित कर दिया गया
मुझे रसोई से
मैंने काफी गुहार लगाई
तर्क दिए
क्या हर बर्तन का हैंडल है
और कौन सा मैंने स्वयं तोड़ा है
और वो नया कप
वो तो बिना हैंडल के ही आया है
पर किसी ने एक न सुनी
अंधविश्वास अंधा ही नहीं
बहरा भी होता है
पर मैं
सिर्फ किचन से निकला घर से नहीं
पापा ने मुझे अपना लिया
मुझ में हेयर डाई घोल दी
और मैं सदा सदा के लिए
परमानेंट मेंबर बन गया
वंही ताड़ पर एक और दोस्त मिला
छह महीने पहले उसका भी हैंडल टूट गया था
अब उसमें लाल लाल माहुर है
और मुझ में काली काली डाई
विधाता ने क्या बढ़िया जोड़ी बनाई
अब हम दोनों
लोगो को रंगते है
बड़े चाव से
जिंदगी संवर गयी
हैंडल के अभाव
~ प्रवीण मारकंडे