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उलझन

20 फरवरी 2015

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पढाई में दिल नहीं लगता अब कमाना चाहता हूँ पर इसमें अपना 'पी.जी.' होने का अहम आड़े आता है कमाने का दबाव नहीं है लेकिन बात - बात में ही न कमाने का एक उलाहना - सा संकेत वज़ूद को भेद देता है चुभती बातों को सहना ही शायद मेरी नियति है या फिर कुछ और ...

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