पढाई में दिल नहीं लगता
अब कमाना चाहता हूँ
पर इसमें अपना
'पी.जी.' होने का अहम आड़े आता है
कमाने का दबाव नहीं है
लेकिन बात - बात में ही
न कमाने का एक उलाहना - सा संकेत
वज़ूद को भेद देता है
चुभती बातों को सहना ही
शायद मेरी नियति है
या फिर कुछ और ...