दुश्मन को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। मामूली घाव की भी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।। भेड़िये की मौत पर भेड़ अपनी खैर मनाता है। कुत्ते की मौत पर भेडिया नहीं रोया करता है।। शैतान की मौत से इंसान को
वक्त की पुरानी अलमीरा से एक याद.. वक्त आने जाने का नाम है लेकिन आप अपने काम से वक्त के हिस्से से कुछ यादें संभाल कर रखते हैं। यही यादें हैं जो आपको बदलाव का आइना दिखाती है। कमरें के कोने से लेकर छत की धूप तक ले जाता था यह काम। खैर काम तो सर्द दर्द है। यही काम ही तो नहीं हो पा रहा था। काम का रोना ही
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसके अस्तित्त्व की अहमियत समाज में ही है, इसलिए वह संसार में अकेला नहीं रह सकता है । उसके लिए सभी परिवार जनों और बन्धुजनों का सहयोग आवश्यक होता है । वह कभी दूसरों से अपेक्षा करता है और कभी दूसरे उससे अपेक्षा करते हैं । यह क्रम लगातार चलता ही