अपनी आत्मा को ऋण और अपेक्षा से मुक्त करो :/ज़िन्दगी का सब से बड़ा बोझ , दुःख , गम , कर्ज़ का होता है चाहे आप को पैसे की मदद ,किसी अपने ने दी हो , रिश्तेदार ने दी हो , दोस्त ने दी हो या आप की मोहब्बत ने आ
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसके अस्तित्त्व की अहमियत समाज में ही है, इसलिए वह संसार में अकेला नहीं रह सकता है । उसके लिए सभी परिवार जनों और बन्धुजनों का सहयोग आवश्यक होता है । वह कभी दूसरों से अपेक्षा करता है और कभी दूसरे उससे अपेक्षा करते हैं । यह क्रम लगातार चलता ही