वह स्वाभिमानी बुजुर्ग महिला
मुंबई लोकल ट्रेन तो वैसे बहुत भीड़ भरी होती है । पर दोपहर का वक्त था । खाली कंम्पार्टमेट देखकर मैं मुंबई
सेट्रल स्टेशन से बोरिवली ट्रेन में चढ़ गया । कई सीटें खाली थी । मै आराम से बैठ गया । फिर दूसरे यात्रियों की तरह में भी अपने मोबाइल में व्यस्त हो गया । तभी एक बुजुर्ग महिला मेरे पास से गुजरी । मेरा ध्यान नहीं गया । पर कुछ कदम ही आगे गयी होगी । मेरी नजर उसपर टीकी । एक बुजुर्ग महिला जो तकरीबन 75 साल के आसपास होगी । अपने दोनों कंधों पर थेला लटकाये वह हाथ में दो-तीन पेन के पैकेट लेकर सबको दिखा रही थी ।मैं समझ गया वह पेन को बेच रही है । मुझे पेन की आवश्यकता नहीं थी । पर उसको पैसो की आवश्यकता थी ।स्वाभिमानी थी ।तभी वह लोकल ट्रेन में इतनी उम्र होते हुए भी पेन बेचने निकली है । अन्यथा भीख भी मांग सकती थी । मेरे दिल थोड़ा करूणा से भर गया । मै अनायास उसकी तरफ गया और तीन पेन खरीद लिये । अब मेरे दिल को तसल्ली हुई । वाकई मेंने उस बुजुर्ग महिला की कुछ तो मदत की । अब दादर स्टेशन आ गया था । मैं फटाफट स्टेशन पर उतर गया ।
शिशिर मिश्र
मुंबई
30-10-2021