लिखता हूँ मेरे आसपास के समाज की असलियत.. अनुभूति शब्दों में पिरोकर दर्पन सा निर्दोष
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मेरे कालेज में सुबह सुबह सभी को दिए गए कार्यो का मुआयना करते समय अतिथियों की यादी भी देखना हुआ.. वाराणसी में जो वार्षिकोत्सव मिलन समारोह में 1964 से आज तक के डिप्लोमा के सिनियर्स एवं जुनियर पढाई के