ऋतु वसन्त अब चहक उठीआज वसन्तपञ्चमी का वासन्ती पर्व है और हम सब माँ वाणी का अभिनन्दन करेंगे | माँ वाणी – सरस्वती – विद्या की – ज्ञान की देवीहैं | ज्ञान का अर्थ है शक्ति प्राप्त करना,सम्मान प्राप्त करना | ज्ञानार्जन करकेव्यक्ति न केवल भौतिक जीवन में प्रगति कर सकता है अपितु मोक्ष की ओर भी अग्रसर होसकता
वसन्त पञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाएँआया वसन्त, आया वसन्त, लो फिर से मदिराया वसन्त | वसुधा के कोने कोने में छाया वसन्त छाया वसन्त ||लो फिर से है आया वसन्त, लो फिर से मुस्कायावसन्त |हरियाली धरती को मदमस्त बनाता लो आया वसन्त ||और अंग अंग में मधु की मस्त बहारों सा छाया वसन्त |आया वसन्त, आया वसन्त, लो फिर
लो फिर से मदिराया वसन्त कल वसन्त पञ्चमी – प्रकृति के उत्सव का वासन्ती पर्व समस्त उत्तर भारत में मनाया जाएगा और हमसब ज्ञान विज्ञान की देवी माँ वाणी का अभिनन्दन करेंगे | ज्ञान यानी शक्ति प्राप्तकरना, सम्मान प्राप्त करना | ज्ञानार्जन करके व्यक्ति न केवल भौतिक जीवन में प्रगति कर सकता हैअपितु मोक्ष की ओर
वसंत की याद✒️ अक्षुण्ण यौवन की सरिता में,पानी का बढ़ आनाकमल-कमलिनी रास रचायें,खग का गाना गाना;याद किया जब बैठ शैल पर,तालाबों के तीरेमौसम ने ली हिचकी उठकर,नंदनवन में धीरे।नाद लगाई पैंजनियों ने,चिट्ठी की जस पातीझनक-झनक से रति शरमायी,तितली गाना गाती;जगमग-जगमग दमक उठा जब,रवि किंशुक कुसुमों सामानस, आभामं
वसंत को ऋतुराज राज कहा जाता है पश्चिन का भूगोल हमारे देश में तीन ऋतुएं बताता है जबकि भारत के प्राचीन ग्रंथों में छ: ऋतुओं का वर्णन मिलता है उन सभी ऋतुओं में वसंत को ऋतुराज कहा जाता है भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है की प्रथ्वी पर जो भी