दीर्घायु कैसे बनें
इमं जीवेभ्य: परिधिं दधामि मैषां नु गादपरो अर्थमेतम्। शतं जीवन्तु शरद: पुरुचीरन्तर्मत्युं दधतां पर्वतेन।। - ऋग्वेद १०/१८/४, यजुर्वेद ३५/१५ईश्वर ने मनुष्य की आयु शतायु से भी अधिक बनायी है। मनुष्य संयम व ब्रह्मचर्य से रहे तो अकाल मृत्यु से बच सकता है। ईश्वर ने मनुष्य को शतायु से अधिक आयु वर