पाशा बदलता
"यह क्या है... ?जब देखो तुमलोग टी.वी. देखते रहते हो... आग लग जाती है..." सुबह के सैर से लौटे किशोर जी अपने नातियों पर चिल्ला पड़े..."मैं यहाँ बोल रहा हूँ तुम वहाँ फ्रिज के पास क्यों गये?"फ्रिज से बोतल लाने... ! हमलोगों को टी.वी देखते देख आपमें जो आग लगी हैं उसे बुझाने..."