नज़्म : शहीद हूँ मैं .....
आतंकवादके कारण शहीद हुए सैनिकों की मन की वाणी नज़्म : शहीद हूँ मैं .....दोस्तों , मेरी ये नज़्म , उन सारे शहीदों कोमेरी श्रद्दांजलि है , जिन्होंने अपनी जान पर खेलकर , मुंबई को 26 / 11 को आतंक से मुक्तकराया. मैं उन सब को शत- शत बार नमन करता हूँ. उनकी कुर्बानी हमारे लिए है............!!!शहीद हूँ मैं ..