एक गरीब मजदूर की सामाजिक कहानी जिसमें लेखक ने उसके सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल न होने का कारण बताया है ।
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शंकर पुर दस - बारह छप्परों और पांच - छे पक्कों मकानों वाला एक एक सुन्दर सा गांव है । गांव के लोगो का मुख्य पेशा खेती और साथ - साथ पशुपालन भी है। दूध, दही के व्यापार के कारण एक निम्न श्रेणी के जीवन जीन