हास्य व्यग्यं
गजब समय बा देत झकोरा ।आधी दुनिया हाथ कटोरा ।किस्मत अच्छी धन बल पाया ,दुनिया भरकै पाप बटोरा ।अदालत या फिर अस्पताल हो ,फीस नहीं तौ खीस निपोरा ।ई अन्धेर कहाँ ले निबहे ,दाढ़ी नोचा बैठि के कोरा ।राजनीति मा कइसौ घुसि जा ,फिर तो दूनौ हाथ हलोरा ।विनय पान्डेय