मेहँदी
मेहँदी..... हम दोनों में कौन मेहँदी की पत्तियाँ है और कौन बून्द भर पानी नही जानती मैं, लेकिन जब भी जीवन में कठिनाइयों के कठोर पत्थर के नीचे पिसे हैं हम हमारा प्रेम और भी गहरा होकर रच गया हमारे रिश्ते पर वैसे ही जैसे शगुन की लाल सुर्ख मेहँदी रच जाती है दुल्हन की हथेलियों पर और उतर जाती है एक मेह