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vishvashbundela_ek_mushafir

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एक दिन यकायक,किसी से मिलाऑनलाइन नहींआमने सामने :कुछ बातें हुईंमुहँ से नहींआँखों से!मिली आँख से आँखबातें हुईंकुछ बात ऐसीबहने लगे आँसूबरसे यकायक आँसूदिन के बीच पहर में,उसी के शहर मेंये सब हुआ एक दिन यकायक. कुछ क्षण मैं व्यस्त रहा!उस क्षण का मिलनवो क्षण क्याज़ी लिया पूरा जीवन,फिर क्या?यकायक मैं जगाकुछ

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