19 जुलाई 2015
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मैं हाईस्कूल रामगढ चेनारी रोहतास सासाराम बिहार में हिन्दी शिक्षक के रूप में कार्यरत हूं।कैमूर बिहार का रहने वाला हूँ।मेरी रूचि -पढाने साथ- साथ लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जाती है। बस यही है मेरी लेखनी।~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~मैं हाईस्कूल रामगढ चेनारी रोहतास सासाराम बिहार में हिन्दी शिक्षक के रूप में कार्यरत हूं।कैमूर बिहार का रहने वाला हूँ।मेरी रूचि -पढाने केसाथ साथले लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जा
Dहर बेज़ुबान पशु को भी हक़ है जीने का ... आपकी रचना उन सभी के लिए सन्देश है जो अपने मानव होने का गलत फायदा उठा कर बेज़ुबान पशुओ का मालिक तो बन जाते है , लेकिन उनको बाँध कर उनका जीवन और वो सुख उनसे छीन लेते है जिसका हक़ उन्हें स्वयं इश्वर देता है .... - प्रियंका (शब्दनगरी संगठन )
23 जुलाई 2015