14 अप्रैल 2015
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मैं हाईस्कूल रामगढ चेनारी रोहतास सासाराम बिहार में हिन्दी शिक्षक के रूप में कार्यरत हूं।कैमूर बिहार का रहने वाला हूँ।मेरी रूचि -पढाने साथ- साथ लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जाती है। बस यही है मेरी लेखनी।~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~मैं हाईस्कूल रामगढ चेनारी रोहतास सासाराम बिहार में हिन्दी शिक्षक के रूप में कार्यरत हूं।कैमूर बिहार का रहने वाला हूँ।मेरी रूचि -पढाने केसाथ साथले लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जा
Dहौसला अफजाई के लिए धन्यवाद श्रीमान जी लोग।
14 अप्रैल 2015
बिल्कुल सही रमेश जी जब पैसा खर्च करने को मन होता है तो पैसा नहीं होता-जब होता है तो खर्च करने का मन नहीं होता- उत्तम रचना
14 अप्रैल 2015
मानवता को सब अपनाकर, व्यवहार करें सहयोग जैसा...सुन्दर कविता !
14 अप्रैल 2015