ऐ मेरी जिंदगी
ऐ मेरी जिन्दगी मुझसे तुम रूठ क्यों गई।मजधार में मुझे इस कदर छोड़ क्यों गई।जब मुझे ~~कष्टमय जीवन बिताना ही था,मुझे दरीया के किनारों पर छोड़ क्यों गई।।•कभी कभी मुझे पल~ सताने क्यों लगता है।आँखों से आँसू के झरने बहने क्यों लगता है।हृदय-विदारक क्षण मुझे~ क्यों मिलने लगा ,दफा होने से पहले फसाने क्यों लग