4 जून 2015
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मैं हाईस्कूल रामगढ चेनारी रोहतास सासाराम बिहार में हिन्दी शिक्षक के रूप में कार्यरत हूं।कैमूर बिहार का रहने वाला हूँ।मेरी रूचि -पढाने साथ- साथ लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जाती है। बस यही है मेरी लेखनी।~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~मैं हाईस्कूल रामगढ चेनारी रोहतास सासाराम बिहार में हिन्दी शिक्षक के रूप में कार्यरत हूं।कैमूर बिहार का रहने वाला हूँ।मेरी रूचि -पढाने केसाथ साथले लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जा
Dरमेश जी, यही कोमल भाव कवि-शायर-लेखक बना देते हैं...कितने ही देशभक्त हुए हैं जो भारत माँ पर ज़ुल्म होते नहीं देख सके तो क्रांति का मार्ग अपनाया और देशभक्ति की बहुत सुन्दर रचनाएँ कीं। वो दृढ़ थे, संघर्षशील थे, लेकिन साथ ही कोमल हृदय भी। हम चाहेंगे कि कभी इन विषयों पर भी लिखिए, आप अच्छा लिखते हैं।
4 जून 2015
वाह बहुत उम्दा
4 जून 2015