कविता के नीचे उसने श्याम की जगह सागर लिखा था। गीता ने उसे देखा और कागज श्याम की तरफ बढ़ा दिया। श्याम ने कहा कि मैं चाहता हूँ कि आप इसे टाइप कर दें। इसे छपने के लिए भेजना है। गीता कुछ नहीं बोली। कागज को सामने रखकर टाइप करने लगी। श्याम उसे देखता रहा। इस बात का आभास गीता को भी था कि श्याम उसे ही देख रहा है, लेकिन उसने कोई विरोध करने के बजाय पूछा कि आप कवि हैं?
बनने की कोशिश कर रहा हूँ।
कवि भगोड़े होते हैं। गीता ने उसकी ओर देखते हुए कहा। उसकी इस टिप्पणी से श्याम सकपका गया।
कवि अपने सुख के लिए कविता रचता है। रचते समय वह कविता के बारे में सोचता है। उसके बाद वह कविता को उसके हाल पर छोड़ देता है। कविता जब संकट में होती है तो कवि कविता के पक्ष में खड़ा नहीं होता।'
'यह आप कैसे कह सकती हैं।'
मैं समझती हूँ कि आदमी की जिंदगी भी एक कविता है। मेरी जिंदगी एक कविता है। मेरी जिंदगी मुझे अच्छी नहीं लगती। इसलिए कविता भी मुझे अच्छी नहीं लगती।
अरे वाह, आप तो कवि हैं। अभी आपने जो कहा वह तो कविता है।
कविता नहीं, कविता का प्रलाप है, उसकी वेदना।
जो उस कवि के कारण उपजी है, जिसने मेरी जिंदगी की रचना की।' इतना कहकर गीता केबिन से बाहर चली गई।
कैसी है यह? श्याम ने गीता के टाइपराइटर को देखा। लगा जैसे टाइपराइटर किसी शोक गीत की रचना में मशगूल है।
प्यार की खुशबू
आज उन्होंने बातें अधिक कीं। उनके वार्तालाप को देखकर टाइपिंग इंस्टिट्यूट चलाने वाली मैडम ने उनके पास आकर कहा कि आजकल तो तुम काफी खुश हो गीता । बदले में गीता केवल मुस्कराई। श्याम भी मुस्कराया। तो क्या मेरे प्यार की गंध इसे भी लग गई। जो लड़की इतनी गंभीर रहती थी वो आज मंद मंद मुस्कुरा रही थी।
अगले दिन गीता जब इंस्टिट्यूट आई तो काफी सजी-धजी थी। नया गुलाबी सूट पहने थी। बालों का स्टाइल बदला हुआ था। श्याम को गीता का यह बदला रूप अच्छा लगा। वह अपनी भावनाओं को दबा नहीं पाया। बोला, 'काफी सुंदर लग रही हो।' जवाब में जब गीता ने मुस्कराते हुए थैंक्यू का फूल जब उसकी तरफ फेंका तो उसकी इच्छा हुई कि वह खड़ा होकर नाचने लगे और जोर-जोर से चिल्लाये कि उसे प्यार हो गया है।
ग्रह-नक्षत्रों की चाल
आदमी जब निराश होता है या फिर लक्ष्य के प्रति उसकी स्थितियाँ साफ नहीं होती हैं तो वह धर्म और ज्योतिषी की शरण में चला जाता है। श्याम की भी हालत कुछ ऐसी ही थी। वह गीता को चाहने लगा था, लेकिन गीता भी उसे चाहती है यह स्पष्ट नहीं था।
वह अपनी बेरोजगारी से भी परेशान था। घर वाले शादी के लिए अलग से दबाव डाल रहे थे। लिहाजा एक दिन वह ज्योतिषी के पास चला गया। नौकरी पाने के लिए वह ज्योतिषी से नुस्खे पूछता रहता है। उसने सोचा कि प्रेम पाने के लिए भी गृह-नक्षत्रों की चाल जान ली जाए। नौकरी के लिए तो ज्योतिषी कभी कहता है कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, जो आपके शुभ कार्यों में बाधक है।
इसकी शांति के लिए घर में मोर पंख रखें और प्रतिदिन उसे दो-तीन बार अपने शरीर पर घुमाएँ। सोमवार के दिन चाँदी से बना सर्प का जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ाएँ। नित्य श्रीगणेश जी की उपासना करें। धैर्यपूर्वक ऐसा करने पर ही रोजगार प्राप्ति की संभावना बनेगी। श्याम ने अभी तक उसके बताए हर नुस्खे को आजमाया, लेकिन आज तक कोई संभावना नहीं बनी। शिकायत करने पर वह कह देता है कि आप पर भाग्येश शुक्र की महादशा चल रही है। शुक्र के बलवर्धन के लिए शुक्रवार के दिन साढ़े पाँच रत्ती का ओपल चाँदी में जड़वाकर दाहिनी मध्यमा में धारण करें।
पंडित जी मेरी कुंडली में प्रेम है कि नहीं?
है न, बहुत है। कुंडली पर सरसरी नजर डालते हुए ज्योतिषी ने कहा।
'प्रेम विवाह का योग है?'
है, लेकिन कुछ बाधाएँ हैं।'
प्रेम विवाह में क्या लफड़ा है?
आप पर शुक्र की महादशा चल रही है, जो अशुभ फलप्रद है। गोचर में भी आपकी राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। शनि शांति के लिए प्रत्येक शनिवार कुत्तों को सरसों के तेल से बना मीठा पराठा खिलाएँ। ग्रह शांति के उपरांत ही प्रेम में सफलता की संभावना बन सकती है।
सब ढकोसला है। इतने दिनों से आप एक नौकरी के लिए मुझसे क्या-क्या नहीं करवाते रहे। मिलीं नौकरी? साला चपरासी भी कोई रखने को तैयार नहीं।
भन्नाया हुआ श्याम ज्योतिषी के कमरे से निकल गया। घर पहुँचते ही मम्मी कहने लगी, 'तुम्हारे पिता ने लड़की पसंद कर ली है। उनके दोस्त की बेटी है। बीए करके नौकरी कर रही है।'
तो मैं क्या करूँ?
शादी कर लो।
बिना नौकरी मिले यह नहीं हो पाएगा।
फिर तो पूरी जिंदगी कुँआरे ही रह जाओगे।
बीवी की कमाई खाने से तो कुँआरा रहना ही अच्छा है। कहते हुए श्याम अपने कमरे में चला गया।
जिंदगी आसान नहीं
एक सप्ताह तक गीता टाइपिंग स्कूल नहीं आई। श्याम रोज आता रहा और निराश होकर वापस घर जाता रहा। आठवें दिन गीता के आते ही वह पूछ बैठा कि एक सप्ताह आई नहीं?
जिंदगी में बहुत दिक्कतें हैं। कहते हुए गीता अपनी सीट पर बैठ गई।
क्या हो गया?
मेरी बहन जो बीए कर रही है किसी लड़के के साथ चली गई। दोनों बिना शादी के ही एक साथ रह रहे हैं।
ऐसा क्यों किया?
उसका कहना है कि यदि वह ऐसा न करती तो उसकी शादी ही नहीं हो पाती।
मतलब?
हमारे घर के आर्थिक हालात। इतना कहकर गीता चुप हो गई।
मुझे नहीं लगता कि आपकी बहन ने गलत किया है। आज की युवा पीढ़ी विद्रोही हो गई है। वह परंपराओं को तोड़कर नई नैतिकता गढ़ रही है। समय के साथ सब ठीक हो जाएगा।
पर माँ तो नहीं समझतीं।
हाँ, उनके लिए समझना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन आजकल सब चलता है। हमारा समाज बदल रहा है। बिना शादी के एक साथ रहना पश्चिमी परंपरा है, लेकिन अब ऐसा हमारे यहाँ भी होने लगा है।'
हाँ, बैठकर सपनों के राजकुमार का इंतजार करने से तो बेहतर ही है न कि जो हाथ थाम ले उसके साथ चल दिया जाए। चाहे चार दिन ही सही, जिंदगी में बहार तो आ जाएगी।।