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“हाइकू”

hindi articles, stories and books related to “hico”


“हाइकू” उमस बढ़ी बदरी घिर आई पसिजे मेह॥-1 सूखी अवनी विह्वल है सजनी छलके नेह॥-2 आतुरताई पवन पुरुवाई आआस बढ़ाए॥-3 बूंद बूंद में लगन लग गई प्यास बुझाए॥-4 दैया रे दैया बिजुरिया चमके जिया डराए॥-5 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

“हाइकू” जुते हुए हैं गज भर जमीन खुदी धरती॥-1 काली घटा है छाँव छत छप्पर मन आतुर॥-2 बढ़ती गर्मी वर्फ पिघलते हैं सूखते होठ॥-3 सिकुड़े नैन आस आसमान है बूंद टपके ॥-4 नाचने मोर पहली बरसात दिखे मेढ़क॥-5 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

“हाइकू”राम नवमी स्वागतम श्रीरामसंग माँ सीता॥-१ जय लक्ष्मणभरत सहोदर भ्राता शत्रुघ्ना॥-२ अवधपति जै कानन केवटमातु वाटिका॥-३नल नीलम श्री सेतु समुन्द्रमजै हनुमंता॥-४ राघवराम अयोध्या पुण्यधाम जयतु जय..-5 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

“हाइकू”इंसान हिला जब धरती हिली मन हिला क्या॥-१पुरानी बात पहाड़ों की सौगात वर्फ पिघला॥-२गम गुबार मचा है हाहाकार कुछ बदला॥-३ शांत निराशा प्रिय है अभिलाषा बैरन यादें॥-४वापस आओहरियाली बिछाओबाग़ लगाओ..-5 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

“हाइकू”बच्चों की शिक्षा है बहुत जरूरी सुरक्षा है क्या॥-१ पीठ का भार सुबह का दुलारकंधों पर क्यों॥-२ छोटी सी उम्र पढ़ना ही जिंदगीसबका बोझ॥-३पढ़ता स्कूल फ़ीस बनी आधार पुष्ट आहार॥-४ महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

“हाइकू”लहराती हैं डालियाँ लदे फूल पीले सरसों॥-१ सूखे पत्ते हैं लटके लटके से आ रे बसंत॥-२ सूर्य निकलाघास सेंकती धूप बिछाती बर्फ॥-३ अंकुर फूटा खुशियाँ डाली डालीगर्म पवन है॥-४ महातम मिश्र

“हाइकू” चंचल मन बिचलित आँगन चढ़ा बुखार॥-१ अरमानों मेंदिखता आकाश हैगिरना तय॥-२ खिला गुलाबकाटें चुभने लगे बढ़ा उन्माद॥-३ बोले कोयल पपीहा पानी पिये पय आधारा॥-४ लाज रखातीघूँघट मलकाती सखी संस्कार॥-५ महातम मिश्र

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