अध्याय:- 8
अगली सुबह -,,,,,,,10 बजे*
क्या सच में तुमने ऐसा किया है? और क्यों किया?", एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर सूरज बघेल ने राधे के सामने जाकर कहा।
साहब मुझे फसाया जा रहा है ये सब कुछ झूठ है",🥺 राधे ने सूरज बघेल के सामने हाथ जोड़कर कहा।
सर! कोई आया है इससे मिलने, अगर आपकी परमिशन हो तो उसे ले आऊ?", हवलदार ने कहा।
राधे से मिलने 🤔 लड़का है या कोई महिला है?", सूरज बघेल ने पलटते हुए कहा और हवलदार पर नजरे टिकाई।
उसकी आवाज से वो महिला ही लग रही है", हवलदार ने कहा।
ओके, जाओ और उसे आने दो राधे से मिलने शायद वे इनकी पत्नी होंगी", सूरज बघेल ने कहा और लॉकअप से बाहर निकल गया।
जी, धन्यवाद आपका साहब", उस महिला ने कहा जिसने गहरे काले रंग का शॉल ओढ़ रखा है और उसके दो सुर्ख नेत्र ही टिमटिमाते हुए दृष्टिगत हो रहा हैं।
हवलदार के साथ चलते चलते वो राधे के लॉकअप तक पहुंच गई फिर लॉकअप के गेट का ताला खोलने के लिए हवलदार एक ड्रॉअर में से चाबियों का गुच्छा निकालता है फिर एक चाबी से ताले को खोलकर उसने महिला को अंदर जाने का इशारा किया हाथ से।

ड्रॉअर
हवलदार अपने जगह जाकर कुर्सी पे पसर गया और फिर एक कप चाय जो टेबल पर रखा था उसकी चुस्कियां लेने लगा।
राधे जी ! आपकी पत्नी और दो बच्चे सही सलामत है और अब आपको भी इस कैदखाने से मुक्ति मिलेगी और वो भी अभी इसी वक्त", 🙂 कहते हुए महिला ने शॉल को चेहरे पर से हटा दिया और उसे देखकर राधे हैरान रह गया।
लेकिन आप ये सब क्यो कर रही हैं? कैसे आप मुझे यहां से निकाल पाएंगी?", राधे ने उलझन से भरे स्वर में कहा।
इस वक्त वार्तालाप करना सर्वथा अनुचित है क्योंकि बेहोशी कि दवा 5 मिनट तक ही अपना असर दिखा सकती हैं तो आप बिना कोई सवाल किए मेरे पीछे पीछे आइए", 🥺 महिला ने कहा।
थाने से बाहर जाने वाले रास्ते पर जितने भी पुलिस कर्मी तैनात हैं वे सब बेहोश हो चुके है।
अब राधे ने उस महिला का अनुसरण करना शुरू किया।
4 मिनट्स में ही वे थाने के गेट पर राधे और वो महिला
ने कदम रखा ही था कि किसी कि आवाज़ उनके कानों को सुनाई दी।
",ठहरो",।
दोनो कि सांसे रुक सी गई और वे दोनों भागने लगे।
वो सूरज बघेल ही है जिसने चाय नही पिया और राधे कि ओर नजरे गड़ाए हुए था ।
सूरज बघेल ने भी दौड़ लगा दी।
भागते भागते वे दोनो काफी दूर पहुंच गए और हांफने लगे।
एक पीपल के पेड़ कि आड़ में छुपकर खड़े हो गए।
दोनो ही थक चुके है।
और भागोगे?", सूरज बघेल वहा पहुंच गया और उसने कहा।
वक्त आने पर और अन्याय किए जाने पर ऐसी स्थिति आ जाती हैं कि भागना ही पड़ता हैं ", उस महिला के आंखो से अंगारे निकलने लगे और जुबान ने कांपते हुए कहा।
कानून और अपने किए गए जुर्म से भागना बुद्धिमानी नहीं कायरता है", स्पष्ट शब्दों में सूरज बघेल ने कहा।
बेशक आप सही कह रहे हैं लेकिन आपके ही कानून ने हमे मजबूर किया है", महिला ने एक एक शब्द पर जोर देते हुए कहा और पुलिस ऑफिसर सूरज बघेल कि ओर मुखातिब हुई, शॉल को हटाते हुए वो सूरज बघेल के सामने जा खड़ी हुई।
इन्हे गिरफ्तार करने से पहले आपको, मुझे मारना पड़ेगा,,, वो भी अभी और इसी वक्त क्योंकि मैं नही चाहती कि राधे जी अपने परिवार से बिछड़ जाए और वो भी बिना किसी गुनाह के ", उस महिला ने कहा और सरेंडर कर दिया।
",मिसेज सीता सहगल", सूरज बघेल के मुंह से अपने आप निकल गया और वो सन्न रह गया।
*****
खाली हाथ लौटना तुम्हे शोभा नहीं देता और ये लास्ट वार्निंग है मेरी,,,, ढूंढो उन तीनो विधवाओं को और लाकर यहां मेरे पैरो तले पटको ", मिस्टर तेजवंत सहगल ने रावण कि तरह कहा फर्राटेदार आवाज में।
इस वक्त सहगल मेंशन किसी क्लब बार के जैसे नजर आ रहा है, महंगे ब्रान्ड वाले सिगरेट और किस्म-किस्म के वाईनस( एल्कोहल) के बॉटल्स करीने से रखे हुए है ऊंचे -ऊंचे टेबल पर ।
बेतहाशा चेयर्स , कुर्सियां, सोफा सेट भी हॉल में सलीके से रखे हुए है एकदम किसी गुंडे के बंगले जैसी हालत है सहगल मेंशन की।
",सच कहा है किसी ने घर में मां, बेटी, बहू और पत्नी रहती हैं तब ही घर एक घर के जैसा लगता हैं और पुरुषों को एक मिनट की भी देर नहीं लगती घर को नर्क बनाने में।",
10 से 20 गुंडों को तेजवंत सहगल ने सीता, चाची और संध्या जी का पता लगाने के लिए रवाना किया और एक वाईन के बोतल का ढक्कन खोल कर दो कांच के लंबे से
ग्लास में वाईन डालने के बाद खाली बोतल को रखा टेबल पर फिर दोनो ग्लास को हाथ के पंजों से पकड़कर वो राका और शेषाद्री कि ओर मुखातिब हुआ।
ये लो पार्टी", तेजवंत ने दोनो ग्लास उन दोनों के आगे करते हुए कहा।
राका और शेषाद्री ने ग्लास लिया और बैठ गए सोफे पर सामने के कांच के स्टूल पर पैर रखकर।
तेजवंत ने एक सिगरेट लेकर अपने होठों के बीच में फसाया और लाइटर से जला कर धुआं नाक से निकालने लगा।
दावानल से झुलसे हुए चेहरे के मानिंद उसका चेहरा नजर आ रहा हैं और आंखे लाल हो चुकी हैं दोनो।
पता नही वो तीनो विधवाएं कहा गायब हो गई हैं?", ग्लास को टेबल पर रखते हुए कहा राका ने फिर जम्हाई लेने लगा।
शायद भाग गई होंगी कही", शेषाद्री ने ग्लास को हिलाते हुए कहा और एक घुट पीते हुए तेजवंत को देखने लगा।
जाएंगी कहा मुझसे बचके? आना ही पड़ेगा उन्हे मेरे कदमों तले",😈🤣 तेजवंत सहगल ने कहा और सिगरेट को मसलकर उसने नीचे फेंक दिया फर्श पर और दाहिने पैर से उसे रौंदते हुए हंसा।
ओ हेल्लो मिस्टर तेजवंत सहगल और मेरे वकील साहब ", निरुवेद शुक्ला ने दाहिने हाथ में ब्लैक ब्रिफकेश पकड़े गेट से एंट्री लेते हुए कहा।

ब्रिफकेश
तेजवंत सहगल, राका और शेषाद्री के बीचों बीच जहा पर स्टूल है कांच का वहा पर ब्रिफकेश को रख कर अब ब्राउन चेयर में निरुवेद शुक्ला पसर गया और ब्लैक बूट्स वाले
दोनो पैर को स्टूल पर रखकर अदब के साथ बैठ गया।
बाकी के 40000₹ है इसके अंदर और बताओ कैसे तुमने वो फेक वीडियो बनाया और 5 या 7 लोगो से झूठी गवाई कहलवाया?",😎🤔🤨 निरुवेद ने चेहरे के भावों के साथ अपनी उलझने व्यक्त करते हुए कहा।
ये सब तो इस दिमाग के करतब है , तरकीब है ",😎😁🤠 तेजवंत सहगल ने कहा।
मतलब",🤨😲 निरुवेद ने अचंभित स्वर से कहा।
असली वीडियो को चुराने के लिए राका को कहा फिर उस वीडियो के जरिए मैंने फेक वीडियो बनवाया शेषाद्री से फिर उस वीडियो को डिस्ट्रॉय करके मैंने अदालत में पेश किया फेक वीडियो को और 5 से 6 लोगो को पैसे देकर अपनी ओर कर लिया", तेजवंत सहगल ने कहा और रावण के मानिंद हंसने लगा।
लेकिन एक बात मुझे अटपटी सी लग रही हैं वो ये कि उस दुबे वकील को भी आपने अदालत के सामने गुनाहगार बना दिया वो भी चंद मिनटों में 🤨 कमाल का शातिर दिमाग है मानना पड़ेगा", कहते हुए निरुवेद ने जहरीली मुस्कुराहट बिखेरी।
राका! चार पैग बनाओ, आज जी भर के पियेंगे", तेजवंत सहगल ने कहा 😊।
उन चारो कि बाते एक कैमरे में कैद कर ली गई एक परछाई के हाथो।
30 मिनट्स बाद,,,,,
", बाहर आइए", सूरज बघेल ने कहा।
लॉकअप के अंदर सलाखों के पीछे गुमशुम से बैठे हुए वकील मिस्टर दुबे को देखकर ही उनकी हालत का पता आसानी से लगाया जा सकता हैं कि वे कितने दुखी हैं।
लॉकअप के ताले को खोलकर सूरज बघेल अंदर गया और मिस्टर दुबे को लॉकअप से बाहर निकलने के लिए कहा।
मेरी , वेल (रिहाई) हो गई लेकिन कैसे? वकील दुबे ने खुशी और उलझन के मिले जुले भावों के साथ कहा।
प्लीज इस वक्त कुछ न कहिए, सारे सवालों के जवाब आपको मिल जाएंगे", सूरज बघेल ने कहा 😐।
सूरज बघेल और उसके पीछे पीछे मिस्टर दुबे दोनो ही दबे पांव थाने से निकले।
जहां तक मुझे पता है कि ये आपका घर है 🤨🙂", मिस्टर दुबे ने सामने देखते हुए कहा।
बेशक", कहते हुए सूरज ने उसे अंदर कि ओर बढ़ने का इशारा किया आंखो ही आंखो में।
अंदर जाने के बाद सूरज बघेल ने दरवाजा अंदर से लॉक किया।
हॉल मे ही सोफे पर बैठे हुए राधे, शांता और उसके दो बच्चे, संध्या जी,चाची मीनाक्षी और सीता नजर आए।
ये सब क्या हो रहा हैं? और मुझे लगता हैं कि आपने बिना कानून से परमिशन लिए मुझे लॉकअप से बाहर निकाला है ", दुबे ने एक सांस में ही कह दिया।
जी हां," सूरज ने सहज भाव से कहा।
तो इसका मतलब है कि मै आजाद हो गया हूं", 😊 मिस्टर दुबे के चेहरे पर मुस्कुराहट तैर गई।
लेकिन अब मै दुबई जाऊंगा अपने पूरे परिवार के साथ एक पल भी गवाएं बगैर", 🤔🥳 मिस्टर दुबे के चेहरे पर मुस्कुराहट नाचने लगी।
ठीक है हम आपको नहीं रोकेंगे लेकिन आपको अपना वेश बदल कर जाना चाहिए ताकि कोई भी आपके रास्ते पर रुकावट न ला सके और दुबई पहुंचकर हमे फोन कर देना हमारी तसल्ली के लिए ", सूरज बघेल ने कहा तो मिस्टर दुबे को उसकी बात जांच गई यूं कहें तो सोलह आने सच लगी।
ठीक है मैं चलता हूं भगवान आपको खुश रखे अलविदा और धन्यवाद मुझे लॉकअप से बाहर निकालने के लिए", कृतज्ञता प्रकट करते हुए मिस्टर दुबे ने कहा और फिर दरवाजे कि ओर मुखातिब हुए।
सूरज बघेल ने दरवाजा अनलॉक किया और एक मुस्कुराहट अपने चेहरे पर लाते हुए मिस्टर दुबे को विदा किया।
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तूने अपने ही बेटे और भाई को कैसे मार डाला?", राका ने कहा।
और सीता तो तेरी बहू है लेकिन वो तेरे पास या इस घर में आने कि जगह उल्टे तुझसे भागती हुई क्यों फिर रही हैं?",🤨 शेषाद्री ने भी कहा तो निरुवेद ने भी तेजवंत कि ओर निगाहे डाली।
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