28 दिसम्बर 2017
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advocateD
रच रहे थे साज़िस मेरे अपने मेरा आशियाना जलाने को मै चुपचाप देखता रहा जलते हुए आशियाने
भूल जाऊँगा हर उस शक़्स को जिनसे तुम्हारा नाता है ,क्योंकि अपने ही अपनों के साथ खेला खेलते है