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1 अगस्त 2019

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 महराष्ट्र के एक छोटे से शहर में एक प्रतिष्ठित व्यवसायी परिवार रहता था उस परिवार में कुल तीन सदस्य थे परिवार के प्रमुख सेठ करोणी मल उनकी पत्नी कावेरी तथा बहुत ही खूबसूरत होनहार इकलौती पुत्री 20 वर्षीय सुमन रहती थी। सुमन बी0ए0 अंतिम की परिक्षा दी थी तथा उसके पिता करोणी मल उसके लिए एक योग्य लडके की तलाश मे अपने ससुराल रायपुर गए वहा उनके ससुर ने रायपुर का ही एक लडका नीरज जो कि बैंक मैनेजर था सुमन के विवाह के लिए बताए। करोणी मल और उनके ससुर नीरज के घर गए जहा नीरज अपनी माँ सविता के साथ रहता था।सविता के पति की लगभग दस वर्ष पुर्व केंसर की बिमारी से मृत्यु हो गई थी।करोणी मल अपने आने के कारण सविता को बताते हैं तथा अपनी पुत्री सुमन की फोटो दिखाते हैं। सविता लडकी की फोटो देख अपने इकलौते लडके नीरज के लिए पसंद कर लेती है जब करोणी मल नीरज की राय पुछते है तो लडका कहता है कि माँ की पसंद मेरी पसंद है। नीरज बहुत ही अच्छा और सीधा साधा सरल स्वभाव का लडका रहता है जो कि बैंक और बैंक के बाद सीधे अपने घर आता है उसके कोई दोस्त वैगरह नही रहते हैं। करोणी मल विवाह तय कर अपने घर जाकर अपनी धर्मपत्नी कावेरी तथा अपनी पुत्री सुमन को बताते हैं तथा कहते है कि ये शादी अगले माह पाँच तारीख को मैने करना तय कर लिया है आप लोग शादी की तैयारी वैगरह शुरू कर दो। सुमन शादी का नाम सुन बहुत घबराने लगती है तथा अपनी इकलौती बचपन की सहेली संध्या के घर जाती है जो कि अपने मायके आई हुई रहती है जिसका की विवाह एक माह पुर्व ही हुआ रहता है। सुमन अपनी सहेली संध्या से पहली रात व शादी के अनुभव के बारे में पुछती है तो संध्या कहती है कि आदमी जानवर समान ही होता है लडकी देखी नही टुट पढता है ।पहली बार सेक्स मे मुझे तो बहुत दर्द हुआ था किंतु मेरे दर्द की बात कहने पर भी आदमी ने कोई परवाह नही की तथा रात मे कई बार सेक्स की और आज वो दर्द बहुत बढ गया है उसी के ईलाज के लिए मै मायके चले आई हुँ। सुमन अपनी सहेली संध्या के शादी के पहली रात के अनुभव से बहुत अधिक डर जाती है तथा पहली रात्री को लेकर उसके अंदर बहुत डर बैठ जाता है और सुमन सहमी सहमी रहने लगती है। करोणी मल के घर मे शादी के फंक्शन शुरू हो जाते हैं रिश्ते नातेदार सब पहुँच जाते हैं तथा वो दिन भी आ जाता है जब लडका नीरज कुछ खास रिश्तेदारों के साथ अपनी बारात को लेकर आता है तथा बडी धुमधाम से दोनो का विवाह सम्पन्न होता है तथा उसके बाद बिदाई होती है। सुमन अपने ससुराल रायपुर  के लिए कार मे नीरज के साथ निकलती है पर रास्ते मे नीरज कोई बात नही करता हैं इससे सुमन का डर और ज्यादा बढ जाता है। सुमन दोपहर दो बजे अपने ससुराल रायपुर पहुँचती है वहाँ सुमन की सास सविता व परिवार के अन्य सदस्य बहुत जोरदार स्वागत बहुँ सुमन व अपने बेटे नीरज का करते हैं। नीरज का कमरा पहली रात के लिए नीरज के फुफा द्वारा सजवाया जाता है और इधर सुमन जैसे जैसे रात होती है और ज्यादा घबराने तथा डरने लगती है।सुमन से लोग नाश्ता करने व खाना खाने के लिए कहते हैं किंतु सुमन कुछ भी नही खाती है और कहती है कि मेरा अभी मन नही है तो इसपर रिश्तेदार मजाक में कहते हैं लगता है कि नीरज के हाथो से ही खाएगी। रात दस बजे सुमन को नीरज के कमरे में पहुँचा दिया जाता है।सुमन डरते हुए कमरे को देखती है पुरा कमरा व पलंग गुलाब व  गेंदे के फुल से बहुत सुंदर सजा हुआ रहता है तथा खाने के लिए बहुत से चीजे व फल मेवा आदि पलंग के बाजु मे सजी हुई रखी हुई है।सुमन पलंग मे बैठती है और जैसे ही बैठती है सुमन को अपने सहेली संध्या की बात याद आती है कि आदमी टुट पढता है और उसकी घबराहट तथा डर और ज्यादा बढ जाता है।सुमन भगवान को याद कर अपने डर को काबु करने की कोशिश करने लगती है किंतु उसका डर और ज्यादा बढ जाता है तथा वो काँपने लगती है। नीरज साढे दस बजे जैसे ही दरवाजा खोलकर अंदर आता है सुमन बिल्कुल सहम जाती है। नीरज कमरे के अंदर पहुँचकर  किनारे रखे कुर्सी मे बैठ जाता है तथा दोनो बिना कुछ बात किए ऐसे ही आधा घंटा बैठे रहते हैं। नीरज हिम्मत कर सुमन के पास जाता है और सुमन से पुछता है कि क्या मै आपके साथ पलंग मे बैठ सकता हूँ इसपर सुमन अपना सर हिला देती है और फिर नीरज बैठ जाता है। नीरज हिम्मत जुटाकर सुमन का घुंघट उठाता है और जब घुंघट हटता है तो चाँद सी खुबसूरत सुमन दिखती है उसे देख देखता ही रह जाता है नीरज अपने जीवन में इतनी सुंदर लडकी कभी नहीं देखी रहती है और उसे माँ की पसंद पर बहुत गर्व महसूस होता है। नीरज सुमन से कहता है कि मै आपके लिए एक गिफ्ट लाया हुँ और वो गिफ्ट सुमन की ओर बढा देता है सुमन गिफ्ट ले लेती है इसपर नीरज कहता है कि क्या आप देखना नही चाहोगी।सुमन गीफ्ट खोलती हैं उसमे एक बहुत ही सुंदर हार रहता है ।सुमन पहली बार नीरज को कहती है कि बहुत सुंदर आपका गिफ्ट है,मै भी आपके लिए कुछ लाई हुँ और अपने तकिए के नीचे रखे गिफ्ट को नीरज की ओर बढा देती है नीरज खोलकर देखता है तो सोने का पेन रहता है जो कि नीरज को बहुत पसंद आता है।दोनो एक दुसरे को गिफ्ट के लिए धन्यवाद करते हैं। नीरज कुछ फल और मेवा लेकर सुमन के पास आता है तथा कहता है कि मैने सुना है आप आज कुछ नही खाई है चलो खा लो सुमन के आँखो से आशु बहने लगते हैं इसपर नीरज रोने का कारण पुछता है तो सुमन कहती है ये खुशी के आशु है आप मेरा इतना ध्यान जो रखे हैं। फिर नीरज अपने हाथो से फल काटकर सुमन को खिलाता है तथा सुमन भी नीरज को अपने हाथो से फल/मेवा खिलाती है। नीरज सुमन से कहता है कि मै कुछ बाते आपसे पुछ सकता हूँ इसपर सुमन हाँ कहती है।सुमन तुम कभी किसी से प्यार किए हो सुमन कहती है नही।फिर सुमन यही बात नीरज से पुछती है तो नीरज कहता है मै पहली बार किसी लडकी से बात कर रहा हूँ मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही है।अच्छा सुमन आप अपने बारे में बताओ सुमन कहती है कि मेरे पास बताने लायक कोई बात नही है बचपन से स्कुल जाना फिर घर आकर अपने मम्मी पापा सहेली संध्या के साथ खेलना और जब बडी हुई कालेज और फिर वही घर पर रहना तथा अपनी ईकलौती सहेली संध्या के साथ मस्ती करना खेलना घुमना । नीरज कहता है सुमन आप मेरी माँ सविता का हमेशा बहुत ध्यान रखना उनका हर कहना मानना मेरी माँ ने बहुत तकलीफ सहकर मुझे पाला पोसा है और मै तुमसे कुछ नही चाहता हूं इसपर सुमन कहती है कि आपको मै पुरे जींदगी मे शिकायत का मौका नही दुंगी और नीरज ये बात सुन गदगद हो जाता है। सुमन और नीरज कुछ खुल जाते है और सहज महसुस करने लगते हैं।नीरज कहता है सुमन जाओ अपने कपडे बदल लो मै भी चेंज कर लेता हूँ फिर सुमन और नीरज नाईट कपडे पहन लेते हैं और पलंग मे एक दुसरे के पास लेट जाते हैं। नीरज सुमन से तथा सुमन नीरज से  पसंद नापसंद के बारे मे पुछती है दोनो बेफ़िक्र होकर एक दुसरे को बताते हैं और फिर दोनो के पसंद का एक गाना साथ गाते हैं जब कोई बात बिगड़ जाए कोई मुश्किल आ जाए तुम मेरा साथ देना...... और गाना गाते गाते एक दुसरे को बाहों मे भर लेते हैं तथा थकान के कारण कब उन्हें नींद आ जाती है पता ही नही चलता है। सुमन की नींद सुबह सात बजे खुलती है और वो रात के अच्छी यादो के बारे में सोचकर बहुत खुश होती है वो तुरंत उठकर नहा धोकर चाय नाश्ता बनाकर सास पति व अन्य सभी रिश्तेदारों को खिलाती है।आडिट का कार्य बैंक में चलने के कारण नीरज नाश्ता कर और टीफिन लेकर बैंक चला जाता है। नीरज के बैंक जाने के बाद सुमन का एक एक मीनट एक एक घंटे के बराबर लगता है और वही हाल नीरज का बैंक मे रहता है दिनभर एक दुसरे के याद मे खोए काम करते है किसी तरह शाम होता है और नीरज जब घर आता है तो नीरज को देख सुमन नीरज के बाहो से लिपट जाती है और नीरज भी कसके बाँहो मे जकड लेता है तथा एक दुसरे को किश करने लगते हैं ये देख सभी परिवार के लोग हँसने लगते हैं तो वे दोनो शर्मा के कमरे में भाग जाते हैं। किसी तरह रात होती है नीरज व सुमन को रात का बेसब्री से इंतजार रहता है नीरज कमरे में आता है और सुमन को बाँहो मे भरकर जी भरके किश करने लगता है तथा सुमन भी नीरज को बेहद किश करती है फिर नीरज एक एक करके अपने और सुमन के सभी कपडे उतार देता है,तथा दोनो निर्वस्त्र होकर एक दुसरे मे लीन होकर दो जिश्म एक जान हो जाते हैं और दोनो पुर्ण आनंद का अनुभव करते हैं तथा पहली बार सेक्स करने पर ही उन्हें धरती पर स्वर्ग दिखाई देने लगता है व एक दुसरे से दोनो पुर्णतह.संन्तुष्ठ हो जाते हैं और उन्हें परम शांति परम सुख व परम आनंद का एहसास होता है।इस प्रकार नीरज और सुमन का वैवाहिक जीवन सुखद अनुभूति से शुरू होता है।...... पाठको से विशेष निवेदन-- कहानी अच्छी लगे तो रेटिंग जरूर देने की विशेष कृपा करें।   ।धन्यवाद। नोट--इस कहानी के सभी पात्र काल्पनिक है तथा स्थान का भी इसके पात्रो से कोई लेना देना नही है मनोरंजन के लिए यह कहानी लिखी गई है।           (स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित)     प्रतीक अवस्थी "समीर" !!अधिवक्ता !!लेखक!!

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