लोहड़ी के गीतों में आज भी संजोये है पंजाब अपने यौद्धेय खंगार पूर्वजों को गीत देखिये :-
राज्जड़ेओ-राज्जड़ेओ राजदोआरैं आईयाँ भाईया, राज
दोआरैं आईयां,
दिन्नेओ बट्टी चौळूआँ-चौळूआँ,
चौळाँ माए रेड़दिए रेड़दिए
सिरैं खड़े खंगार भाईया
सिरैं खडे खंगार,
हत्था पैरां ठंडणी-ठंडणी
बत्त कियां हंडणी-हंडणी
सिरे खड़े खंगार भाईया, सिरे खड़े खंगार,
सरे दी स्ल्हाई भाईया, सरे दी सल्हाई,
चौळा माए रेड़दिए-रेड़दिए,
कुड़ियां जो सीत भाई कुड़िआं जो सीत
धीयाँ तेरियां राणियाँ
पुत्तर तेरे ठाकुर भाईया
पुत्तर तेरे ठाकुर
कोठे ऊपर दमदमा
मैं बुझेया कोई चोर
भाईया मैं बुझेयाकोई चोर
चोर नी ओ पारी-पारी,
राजे दा भंडारी भाईया राजे दा..........