एक लड़का जिसका नाम अंश ओबरोए था। वो मुंबई का सबसे बड़ा अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर था और उसकी हुकूमत मुंबई के साथ पूरे शहर में चलती थी। उसकी हाइट 6 फीट, रंग गोरा, नीली आंखें, बिखरे हुए बाल मे वो किसी मॉडल से कम नहीं लग रहा था। वो अपने कमरे में गुस्से में इधर उधर टहल रहा था। उस कमरे में उसके साथ 3 लोग और मौजूद थे। उनमे से एक उसका जिगरी दोस्त रोहन Singhania जो एक मशहूर बिजनेसमैन था। वो भी बहुत ही ज्यादा स्टाइलिश दिख रहा था, साथ मे उसकी गर्लफ्रेंड नंदनी भी थी। वो दोनों बहुत देर से अंश को समझाने की कोशिश कर रहे थे और उसका गुस्सा शांत करने की कोशिश कर रहे थे परंतु अंश का गुस्सा बढ़ता ही चला जा रहा था।
अंश गुस्से में अपना हाथ दीवार पर मार कर बोलता है. . . . . . . "वो मुझे छोड़ कर कैसे जा सकती है?"
तभी एक खूबसूरत सी लड़की जिसका नाम आलिया था। उसके खुले कर्ली बाल स्टाइलिश तरीके से सजाए गए थे और वो शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई उन तीनों को कबसे गुस्से में देख रही थी।
वो अंश के पास आकर उसे बोलती है. . . . . . . " अंश अगर वो तुम्हें नहीं मिली तो तुम क्या करोगे?"
उसकी बात सुनकर अंश गुस्से में उसका गला पकड़ कर जोर से दबाने लगता है। ये देख कर रोहन और नंदिनी तुरंत अंश के पास आकर उसका हाथ आलिया के गले से हटाने की कोशिश करने लगते हैं पर अंश की पकड़ मजबूत होती जा रही थी। वो उसका गला नहीं छोड़ता।
आलिया की आंखों से आंसू गिरने लगते हैं। अंश तभी उसका गला छोड़ देता है और उसे गुस्से में बोलता है. . . . . . . " शुक्र मनाओ कि तुम्हारा चेहरा मेरी शिवांगी से मिलता है, इसीलिए मैंने अपने हाथ रोक दिये वरना तुम्हें जान से मार डालता।"
नंदिनी आलिया के पास आती है,जो जमीन पर बैठकर जोर-जोर से सांसे ले रही थी और अपने सांसों को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी।
नंदिनी उसके तरफ पानी का गिलास बढ़ाते हुए बोलती है. . . . . . . " भले ही तुम्हारी शक्ल हमारी शिवांगी से मिलती है पर स्वभाव तुम दोनों का बिल्कुल अलग है इसीलिए तो अंश को तुमसे नहीं शिवांगी से प्यार हुआ।"
आलिया उसे गुस्से में देखती है और उसके हाथ से पानी का गिलास लेकर जमीन में फेंक देती है।
तभी कमरे में अंश का खास आदमी नमन आकर बोलता है. . . . . . . " सर वो शिवांगी मैडम का पता चल गया है।"
अंश उसे देख कर पूछता है. . . . . . . "कहां है वो?
नमन ये सुन कर अपनी नजरें झुका लेता है। अंश उसका कॉलर पकड़कर फिर से उससे गुस्से में पूछता है. . . . . . . "तुमने सुना नहीं मैंने क्या कहा, कहां है मेरी शिवांगी?"
नमन धीरे से अपनी दबी हुयी आवाज में बोलता है. . . . . . . "सर वो,,, वो मैडम आपके दुश्मन अरनव मेहरा के घर में है।
अंश ये सुनकर गुस्से मे अपने हाथ की मुट्ठी कस लेता है।नमन के मुंह से अरनव का नाम सुनकर रोहन नंदिनी और आलिया भी उसे हैरानी से देखने लगती है क्योंकि अरनव मेहरा उन सबका भी दुश्मन था।
आलिया अंश के पास आकर उसे भड़काते हुए बोलती है. . . . . . . " अभी थोड़ी देर पहले तो तुम मेरा गला पकड़ रहे थे, अब तुम अपनी शिवांगी को कुछ नहीं करोगे,वो तुम्हे छोड़कर तुम्हारे सबसे बड़े दुश्मन अरनव के घर जा कर बैठी हुई है, अब क्या करोगे तुम?
अंश उसकी तरफ गुस्से से देखता है फिर वो नमन को बोलता है. . . . . . "गार्डस को बोलो तैयार रहने।"
नमन उसे देख कर बोलता है. . . . . . " पर सर सिर्फ हमारे गार्डस से कुछ नहीं होगा, आप तो जानते हैं ना इस शहर में वही है जो आप को टक्कर दे सकता है,उसने भी अपने गार्डस को रेडी करके रखा होगा और वो पहले से जानता होगा कि आप मैडम को लेने जरूर जाएंगे।"
नंदिनी नमन की तरफ देख कर बोलती है . . . . . . "ये ठीक बोल रहा है अंश।"
अंश नंदिनी से बोलता है. . . . . . " ठीक है एक काम करो तुम तीनों भी अपने गार्ड्स को रेडी करो,मै भी देखता हू अब वो कैसे करता है हमारा सामना।"
थोड़ी देर बाद वो सब मेंशन के बाहर आते हैं,बाहर 1000 से भी ज्यादा गार्डस खड़े थे और बहुत सारी गाड़ियां खड़ी थी।
अंश उन सबकी तरफ देखता है फिर अपना चश्मा लगाकर बोलता है. . . . . . " अब मैं भी देखता हू अरनब तुझे मुझसे कौन बचाता है और शिवांगी तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी, तुमने आज तक मेरा प्यार देखा था, आज से तुम मेरा जुनून देखोगी।