आरोही अरनब के मेंशन के अंदर आती है। अरनब जमीन में खून से लथपथ बेहोश पड़ा था। आरोही ये देख कर रोते हुए उसके पास आती है और उसका सर अपने गोद में रखकर अपने दुपट्टे से उसका खून साफ करते हुए गुस्से में अंश की तरफ देख कर बोलती है. . . . . . . "कितना मारा है तुमने इसे, देखो कितना खून निकल रहा है।"
वो फिर अरनब का चेहरा थपथपाते हुए बोलती है. . . . . . . "अरनब प्लीज आंखे खोलो, देखो मैं आ गई हूं, आंखें खोलो अरनब।"
अंश आरोही का बाजू पकड़कर उसे अरनब से दूर करते हुए अपने दांत पीसकर उससे गुस्से मे पूछता है. . . . . . . "शिवांगी कहा है?"
आरोही उसकी आंखों में देखकर गुस्से से बोलती है . . . . . . . "वो तो तुम्हें कभी नहीं मिलेगी, उसे मैंने बहुत दूर भेज दिया है।"
ये सुनकर अंश का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है। वो आरोही का गला जोर से पकड़ कर दबाते हुए बोलता है. . . . . . . "अगर तुम मेरी शिवांगी की बेस्ट फ्रेंड नहीं होती ना, तो तुम्हें अभी यहीं जान से मार डालता।" इतना बोल कर वो उसका गला छोड़ देता है और आरोही जोर जोर से सांस लेने लगती है।
नंदनी अंश से पूछती है. . . . . . . " अब हमें शिवांगी कैसे मिलेगी?"
अंश मुस्कुरा कर अपना चश्मा अपने आंखों में लगाते हुए बोलता है. . . . . . . "अब हम उसे खोजने की जरूरत नहीं है, अब वो खुद चलकर मेरे पास आएगी।"
इतना बोल कर वो अपने बॉडीगार्डस को इशारा करता है उसके बॉडीगार्डस अरनब और आरोही को वहां से ले जाते है।
रात का समय
रात के करीब 1 बजे शिवांगी अपने चेहरे को अपने दुपट्टे से ढक कर रेलवे स्टेशन पर बैठी हुई थी और ट्रेन के आने का इंतजार कर रही थी। उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। तभी टीवी में एक न्यूज़ आने लगता है। वो न्यूज़ अंश का था।
अंश धमकी भरे आवाज में बोल रहा था. . . . . . . " शिवांगी अगर तुम मेरी आवाज सुन रही हो, तो कल सुबह 10:00 बजे के पहले मेरे पास वापस आ जाना वरना तुम्हारी बेस्ट फ्रेंड आरोही और उसका बॉयफ्रेंड अरनब को मैं गोली मार दूंगा और उसकी जिम्मेदार सिर्फ तुम होगी।"
उसकी ये बात सुनकर शिवांगी बहुत ज्यादा डर जाती है। वो अंश का गुस्सा पहले से जानती थी। वो किसी को मारने से पहले एक बार भी नहीं सोचता था और वो ये पहले भी देख चुकी थी।
दूसरी तरफ,अंश का विला
अंश की वो न्यूज़ टीवी के हर एक चैनल पर आ रही थी।
नंदनी ये देखकर अंश को बोलती है. . . . . . . "तुम्हें लगता है ऐसा करने से हमारी शिवांगी हमारे पास आएगी?"
अंश ड्रिंक का एक घूंट पीते हुए बोलता है. . . . . . . "उसे आना पड़ेगा,इसके अलावा उसके पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है,वो जरूर आएगी, बस सुबह होने का इंतजार करना है।"
आरोही अंश के पास भागते हुए आती है और अपने घुटनों पर बैठकर उसके सामने हाथ जोड़कर रोते हुए रिक्वेस्ट करते हुये बोलती है. . . . . . . "अंश प्लीज डॉक्टर को बुला दो,अरनब को अभी तक होश नहीं आया है, उसे बहुत तेज बुखार हो गया है,वो मर जाएगा, प्लीज डॉक्टर को बुला दो।"
अंशु उसे गुस्से में घूर कर देखते हुए बोलता है. . . . . . . " उसे तो वैसे भी मरना है, आज मरे या कल, क्या फर्क पड़ता है।" इतना बोल कर वो अपने गार्डस को बुलाता है और बोलता है. . . . . . . "ले जाओ इसे यहां से।"
वो गार्ड्स जबरदस्ती आरोही को वहां से ले जाते हैं।
रोहन अंश के कंधे पर हाथ रख कर बोलता है. . . . . . . "अगर कल शिवांगी आ गई तो, तू सच में अरनब को छोड़ देगा।"
उसकी बात सुनकर अंश उसकी तरफ देखता है और शराब का घूंट पीते हुए कुछ सोचने लगता है।
सुबह का समय
अंश की निगाहें सिर्फ घड़ी पर ही टिकी हुई थी। वो सोफे पर बैठ कर अपने हाथ में गन लेकर घुमा रहा था। उसके बगल में नंदिनी, आलिया, रोहन भी बैठे हुये फर्श पर पड़े आरोही और अरनब को देख रहे थे।
आरोही की आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे और अरनब को रात से होश नहीं आया था तभी 10:00 बजने का अलार्म बजने लगता है। आवाज सुनकर आरोही डर से अंश की तरफ देखने लगती है। अंश एक नजर दरवाजे की तरफ देखता है और गन पॉइंट अरनब की तरफ कर देता है।