आज़ मैं घर पर नितांत अकेला हूँ पर मैं अकेला थोड़े हूँ मैं मोबाइल पर आपको देख रहा हूँ सुन रहा हूँ पढ़ रहा हूँ ये क्या कोई कम है नितांत केलेपन से
झकास
9 दिसम्बर 2021
आज़ मैं घर पर नितांत अकेला हूँ पर मैं अकेला थोड़े हूँ मैं मोबाइल पर आपको देख रहा हूँ सुन रहा हूँ पढ़ रहा हूँ ये क्या कोई कम है नितांत केलेपन से
झकास