प्रिया पाठकों आप सभी के लिए हमारे जीवन में हर एक उसे विषय के ऊपर लिखना जो कहीं ना कहीं कभी ना कभी आपके बीच में से हर रोज कम होता जा रहा है चाहे वह जीवन हो या कोई आपकी प्रिय वस्तु हो या कोई रिश्ता हो या कुछ भी हो जो हमारे जीवन में पहले बहुत सारे सत्र पर था परंतु अब धीरे-धीरे और सत्र उसका घट रहा है उसका कारण क्या था यह सब आपको इस दैनिक पत्रिका में पढ़ने को मिला गया ।
धन्यवाद
लेखक शायर विजय मलिक अटैला