मुख्य पात्र _
राहुल देव (मुख्य पात्र)
राधिका ( राहुल कि प्रेमिका)
दिनेश ( राहुल का भाई)
मोनिका ( राहुल कि भाभी)
जगदीश प्रसाद ( राहुल के पिता जी)
सुरभी मिश्रा (राहुल कि माता जी)
जगमोहन सिंह ( राधिका के पिता जी)
रेनू सैनी ( राधिका कि मां जी)
विशेष सूचना
यहां सभी पात्र पूर्ण रूप से काल्पनिक हैं , इन सभी पात्र का जीवित व्यक्ति और किसी समाज विशेष से कोई मेल नहीं है किसी भी नाम या स्थान का किसी से मिलना मात्र संयोग हो सकता है न किसी कि भावनाओं को ठेस पहुंचाने मेरे कोई उद्देश्य है जो भी घटना समाज में देहांत में हो रही है इन सभी से अवगत कराना और समाज को एक आईना दिखाना मेरी क़लम का मकसद है। ताकि आप सभी इन से प्रेरणा लेकर भविष्य में इस काम न करें। मेरी नज़र में एक आर्टिकल सिर्फ आर्टिकल नहीं है या फिर लिखना मात्र नहीं है लोगों को सोई हुई आत्म को समाजिक कुरीतियों को दूर करना है और एक कड़वी सच्चाई से उनका सामना करना है
धन्यवाद
आपका अपना लेखक शायर विजय मलिक अटैला
कहानी की शुरुआत दिल्ली के कॉलेज से होती है जहां पर राहुल देव अपने भाई के साथ पहली बार अपने गांव से बाहर निकल कर इतने बड़े शहर के अन्दर आया था इतनी बड़ी बल्डिंग इतना बड़ा शहर उसके लिए एक सपने से कम नहीं था लेकिन जितना शहर खुबसूरत दिख रहा था इतनी बड़ी उलझनें और समस्या और सवाल उसके मन में चल रहे थे उसकी यूनिवर्सिटी कैसी होगी? यूनिवर्सिटी के अंदर पढ़ाई-लिखाई कैसे होती होगी? यूनिवर्सिटी के अंदर कक्षा के अंदर विधार्थी और सहपाठी कैसे होंगे? यूनिवर्सिटी के अंदर उसने रैगिंग के बारे में सुना था उसको लेकर बहुत डर और सवाल भी था रैगिंग में सीनरी स्टूडेंट क्या करेंगे? न जाने कितने सवाल और उलझनों को लेकर कब शहर पहुंच गया घर से कब दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंच गया उसे पता नहीं चला दिनेश राहुल कि शक्ल देखकर मुस्कुराते हुए बोला फिर बोला छोटे चिंता मत कर सब अच्छा होगा बस अपना ध्यान रखना और बुरी संगत और दिल्ली कि लड़की से बचना इस चमक धमक से बचकर बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान रखना और मां बाप कि इज्जत का भी ध्यान रखना है हरियाणा के देहांत और रीति रिवाज और उनकी सोच का पता ही होगा बहुत मुश्किल से बाबू जी मान है तुम बहार पढ़ाना के लिए बस खर्च कि चिंता मत करना बस अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना राहुल बोला जी भईया दिनेश राहुल कि मदद करता है और वहां राहुल को होस्टल में छोड़कर वापसी गांव कि ओर चल जाता है । अब राहुल का पहला दिन था तो जल्दी सो जाता है क्योंकि पहले दिन देर से नहीं पहुंचना चाहता था जैसे ही राहुल यूनिवर्सिटी पहुंच उसके पहले दिन ही