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आमुख

27 अप्रैल 2022

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इस पुस्तक में कुछ ऐसी प्रेरणादायक कहानियाँ हैं जोकि हमारे जीवन में एक नयी उमंग भरने के साथ-साथ हमारी सफलता के रास्ते में आने वाली सभी मुश्किलों को दूर करेंगी ।

कहानियां हमारी ज़िन्दगी बदल सकती हैं। जिंदगी में कुछ पाना है, कुछ करना है उन सभी के लिए प्रेरक प्रसंग बहुत की उपयोगी सिद्ध होते हैं। यह हमें मोटीवेट करते हैं क्योंकि जब तक हमारे जीवन में कोई प्रेरक प्रसंग नहीं होगा, तब तक हम आगे नहीं बढ़ सकते और ना ही सफल हो सकते हैं।

कई लोग स्वयं प्रेरित हो जाते है जबकि कुछ लोग बाहरी प्रेरणा से, प्रेरक प्रसंगों से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं।

सफल वही होता है जो लक्ष्य का निर्धारण करता है, उस पर अडिग रहता है। रास्ते में आने वाली हर कठिनाइयों का डटकर सामना करता है और छोटी-छोटी कठिनाईयों को नजरअंदाज कर देता है।

हम जो भी प्राप्त करना चाहते हैं। उसे पाने के लिए जब तक उसके पीछे नहीं पड़ जाते तब तक हम उसे प्राप्त नहीं कर सकते। अगर हम प्रश्न नहीं पूछेंगे तो उत्तर नहीं मिलेगा। अगर हम अपने कदम आगे नहीं बढ़ाएंगे हैं तो हम जहां पर है हमेशा वहीं रहेंगे इसलिए सदैव आगे बढ़ते रहिए।

जब हाथी का बच्चा छोटा होता है तो उसे पतली एंव कमजोर रस्सी से बांधा जाता है। हाथी का बच्चा छोटा एंव कमजोर होने  के कारण उस रस्सी को तोड़कर भाग नहीं सकता लेकिन जब वही हाथी का बच्चा बड़ा और शक्तिशाली हो जाता है तो भी उसी पतली एंव कमजोर रस्सी से ही बँधा रहता है।

जिसे वह आसानी से तोड़ सकता है लेकिन वह उस रस्सी को तोड़ता नहीं है और बंधा रहता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हाथी का बच्चा छोटा था तो वह बार-बार रस्सी को तोड़कर भागने की कोशिश करता था लेकिन वह कमजोर होने के कारण उस पतली सी रस्सी को भी तोड़ नहीं सकता था। आखिरकार वह मान लेता है कि वह कभी भी उस रस्सी को तोड़ नहीं सकता।

हाथी का बच्चा बड़ा हो जाने पर भी यही समझता है कि वह उस रस्सी को तोड़ नहीं सकता और वह कोशिश ही नहीं करता है। इस प्रकार वह अपनी गलत मान्यता अथवा गलत धारणा के कारण एक छोटी सी रस्सी से बंधा रहता है जबकि वह दुनिया के सबसे ताकतवर जानवरों में से एक है।

वैज्ञानिकों के अनुसार भौंरे का शरीर बहुत भारी होता है इसलिए विज्ञान के नियमों के अनुसार वह उड़ नहीं सकता लेकिन भौंरे को इस बात का पता नहीं होता इसलिए वह यह मानता है कि वह उड़ सकता है और वह लगातार कोशिश करता जाता है और बार-बार असफल होने पर भी वह हार नहीं मानता क्योंकि वह यही सोचता है कि वह उड़ सकता है। आखिरकार भौंरा उड़ने में सफल हो ही जाता है।

मित्रों, इस जीवन में नामुमकिन कुछ भी नहीं है। नामुमकिन शब्द मनुष्य ने ही बनाया है। जब टेलीफोन और रेडियो आदि का आविष्कार नहीं हुआ था तो दुनिया और विज्ञान यही मानते थे कि आवाज को कुछ ही समय में सैकड़ों किलोमीटर दूर पहुँचाना नामुनकिन है लेकिन आज मोबाइल हमारे जीवन का हिस्सा है।

इसी तरह जब तक विमान का आविष्कार नहीं हुआ था तब तक विज्ञान जगत भी यही मानता था कि मनुष्य के लिए आकाश में उड़ना संभव नहीं है लेकिन जब राइट बंधुओं ने विमान का आविष्कार किया तो यह असंभव कार्य संभव में बदल गया।

हम वो सब कर सकते हैं जो हम सोच सकते हैं और हम वो सब सोच सकते हैं जो आज तक हमने नहीं सोचा।

हम गलत धारणाएँ बना लेते हैं और इसी कारण हमें कार्य मुश्किल या असंभव लगता है।

हम आज जो भी है वह हमारी सोच का ही परिणाम है। हम जैसा सोचते है,वैसा ही बन जाते है।

असंभव या नामुनकिन हमारी सोच का ही परिणाम है। हमारे साथ वैसा ही होता है जैसा हम मानते है और विश्वास करते है।

भौरा विज्ञान के नियमों के अनुसार उड़ नहीं सकता लेकिन वह मानता है कि वह उड़ सकता है इसलिए वह उड़ जाता है जबकि हाथी कमजोर रस्सी को आसानी से तोड़ सकता है लेकिन वह यह मानता है कि वह उस रस्सी को तोड़ नहीं सकता, इसलिए वह रस्सी को तोड़ नहीं पाता है।

यह हम पर निर्भर करता है कि हमें हाथी की तरह अपनी ही सोच का गुलाम रहना है या भौरे की तरह स्वतंत्र होना है।
अगर हम स्वंय पर विश्वास करते है और मानते हैं कि हम कुछ भी कर सकते हैं तो हमारे लिए नामुनकिन कुछ भी नहीं है।

हार्दिक शुभकामनाओं के साथ

डॉ.निशा नंदिनी भारतीय

आर.के.विला

बाँसबाड़ी,  हिजीगुड़ी,

गली- ज्ञानपीठ स्कूल

तिनसुकिया, असम   786192

मोबाइल- 9954367780

ई-मेल आईडी  nishaguptavkv@gmail.com

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रचनाएँ
ज्ञानवर्धक कहानियों का संकलन
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प्रेरक प्रसंग या कहानियां जो आपकी ज़िन्दगी बदल सकते। दोस्तों जिंदगी में कुछ पाना हो, करना हो उन सभी के लिए प्रेरक प्रसंग बहुत की उपयोगी सिद्ध होते है। यह हमे मोटीवेट करते है, क्योंकि जब तक हमारे जीवन में कोई प्रेरक प्रसंग नही होगा, तब तक हम आगे बढ़ नही सकते और ना ही सफल हो सकते है। कई लोगो में सेल्फ मोटिवेशन होता है।
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आमुख

27 अप्रैल 2022
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इस पुस्तक में कुछ ऐसी प्रेरणादायक कहानियाँ हैं जोकि हमारे जीवन में एक नयी उमंग भरने के साथ-साथ हमारी सफलता के रास्ते में आने वाली सभी मुश्किलों को दूर करेंगी । कहानियां हमारी ज़िन्दगी बदल सकती हैं। जि

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लेखिका का परिचय

5 मई 2022
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डॉ.निशा गुप्ता साहित्यिक नाम डॉ. निशा नंदिनी भारतीय का जन्म 13 सितंबर 1962 में उत्तर प्रदेश के  रामपुर जिले में हुआ था। पिता स्वर्गीय बैजनाथ गुप्ता रामपुर चीनी मिल में अभियंता थे और माता स्वर्गीय राधा

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निंदक हमेशा दूसरों के पाप का फल भोगता है

27 अप्रैल 2022
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एक बार की बात है किसी राजा ने यह फैसला किया कि वह प्रतिदिन सौ अंधे लोगों को खीर खिलाया करेगा।  एक दिन खीर वाले दूध में सांप ने मुंह डाला दिया और दूध में विष छोड़ दिया। ज़हरीली खीर को खाकर सौ के सौ अंधे

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खाली कुर्सी का रहस्य

27 अप्रैल 2022
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एक बेटी ने एक संत से आग्रह किया कि वो घर आकर उसके बीमार पिता से मिले और उनके लिए प्रार्थना करे। उसके पिता इतने बीमार हैं कि बिस्तर  से उठ भी नहीं सकते हैं।     जब संत घर आए तो देखा कि पिता पलंग पर दो

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मन की शांति

27 अप्रैल 2022
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किसी गांव में एक महिला बहुत धार्मिक स्वभाव वाली थी। वह साधु-संन्यासियों का सम्मान करती थी। प्रतिदिन पूजा-पाठ करने के बाद भी उसका मन  अशांत ही रहता था। एक दिन उसके गांव में प्रसिद्ध संन्यासी आए। संत घ

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घमंड और साधना

27 अप्रैल 2022
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संत कबीर गांव के बाहर झोपड़ी बनाकर अपने पुत्र कमाल  के साथ रहते थे। उनका रोज का नियम था...नदी में स्नान करके गांव के सभी मंदिरों में जल चढ़ाकर दोपहर बाद भजन में बैठते और शाम को देर से घर लौटते। वह अप

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गिलहरी का अथक प्रयास

27 अप्रैल 2022
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भगवान बुध ज्ञान प्राप्ति के लिए घोर तप में लगे थे। ज्ञान की प्राप्ति के लिए उन्‍होंने अपने शरीर को बहुत कष्‍ट दिया। कई यात्राएं की, घने जंगलों में कड़ी  साधनाएं की। मगर उन्‍हें निराशा के सिवाय और कुछ

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जीवन की छिपी सम्पदा

27 अप्रैल 2022
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एक सुबह, अभी सूरज भी निकला नहीं था और एक मांझी नदी के किनारे पहुंच गया था। उसका पैर किसी चीज से टकरा गया, झुक कर उसने देखा, पत्थरों से भरा हुआ एक झोला पड़ा था। उसने अपना जाल किनारे पर रख दिया, वह सुबह

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सदना कसाई

27 अप्रैल 2022
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काशी में एक ब्राह्मण के सामने से एक गाय भागती हुई किसी गली में घुस गई।   तभी वहां एक आदमी आया उसने गाय के बारे में पूछा - पंडितजी माला फेर रहे थे...इसलिए कुछ बोले नहीं... बस हाथ से उस गली का इशारा कर

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प्रभु के योग्य स्वयं बनें

27 अप्रैल 2022
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एक राजा सायंकाल में महल की छत पर टहल रहा था। अचानक उसकी दृष्टि महल के नीचे बाजार में घूमते हुए एक सन्त पर पड़ी। संत तो संत होते हैं, चाहे हाट बाजार में हों या मंदिर में अपनी धुन में खोए रहते हैं। राजा

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सदैव ईश्वर पर विश्वास रखें

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एक जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने वाली  थी। वह एकांत जगह की तलाश में घूम रही थी...कि उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घास दिखाई दी। उसे वह स्थान शिशु को जन्म देने के लिए उपयुक्त लगा।    उस स्

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मैं न होता, तो क्या होता ?

27 अप्रैल 2022
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सुंदरकांड का एक प्रसंग है-    अशोक वाटिका में जब रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के लिए दौड़ा। तब हनुमान जी को लगा कि इसकी तलवार छीन कर इसका सर काट लेना चाहिए।   किन्तु अगले ही क्ष

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परोपकार का परिणाम

27 अप्रैल 2022
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एक बहुत ही घना जंगल था। उस जंगल में एक आम और एक पीपल का पेड़ था। एक बार मधु मक्खियों का एक झुण्ड उस जंगल में रहने आया। उन मधु मक्खियों के झुण्ड को रहने के लिए एक घना पेड़ चाहिए था। रानी मधुमक्खी की न

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प्रभु इच्छा सर्वोपरि

27 अप्रैल 2022
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एक राजा की पुत्री के मन में वैराग्य की भावनाएं थीं।  जब राजकुमारी विवाह योग्य हुई, तो राजा को उसके विवाह के लिए योग्य वर नहीं मिल पा रहा था। राजा ने पुत्री की भावनाओं को समझते हुए बहुत सोच-विचार करके

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तस्वीर

27 अप्रैल 2022
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एक नगर में एक मशहूर चित्रकार रहता था। चित्रकार ने एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनाई और उसे नगर के चौराहे पर लगा दिया और नीचे लिख दिया कि जिस किसी को जहाँ भी इसमें कमी नजर आये वह वहाँ निशान लगा दे।     जब उस

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भीतरी गुणों को पहचानो

27 अप्रैल 2022
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एक सरोवर के तट पर एक खूबसूरत बगीचा था। जिसमें अनेक प्रकार के फूलों के पौधे लगे हुए थे। लोग वहां आते, तो वे वहां खिले तमाम रंगों के  गुलाब के फूलों की तारीफ जरूर करते।     एक बार एक बहुत सुंदर गुलाब क

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परमात्मा की खोज

27 अप्रैल 2022
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एक छह साल का छोटा सा बच्चा अक्सर भगवान से मिलने की जिद्द किया करता था। उसकी चाहत थी कि एक समय की रोटी वो भगवान के साथ खाये।     एक दिन उसने एक थैले में पांच-छह रोटियां रखीं और भगवान को ढूंढने निकल पड़

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लालच बुरी बला है

27 अप्रैल 2022
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एक शहर में एक आदमी रहता था। वह बहुत ही लालची था।  उसने सुन रखा था की अगर संतो और साधुओं की सेवा करें तो बहुत ज्यादा धन प्राप्त होता है। यह सोच कर उसने साधू-संतो की सेवा करना प्रारम्भ कर दिया। एक बार

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मयूर पंख

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नवास के दौरान माता सीता को प्यास लगी। तभी श्रीरामजी  ने चारों ओर देखा,तो उनको दूर-दूर तक जंगल ही जंगल दिख रहा था। कुदरत से प्रार्थना की हे वन देवता, आसपास जहाँ कहीं पानी हो, वहाँ जाने का मार्ग कृपा कर

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श्रद्धा नहीं तो नाम जप व्यर्थ है

27 अप्रैल 2022
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एक गाँव में एक साधू महाराज रहते थे। साधू महाराज जहाँ भी जाते थे वहाँ नाम जप पर उपदेश देते थे। साधू महाराज की नाम जप पर अगाध श्रृद्धा को देखकर कई लोगों ने उनसे राम नाम की दीक्षा ली थी। कुछ लोग तो उनक

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मन्दिर का घण्टा बजाने वाला

27 अप्रैल 2022
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एक मन्दिर था। उसमें सभी लोग वेतन पर रखे गए थे। आरती वाला, पूजा कराने वाला, घण्टा बजाने वाला सभी को वेतन मिलता था।   घण्टा बजाने वाला आदमी आरती के समय ईश्वर के भाव में इतना खो जाता था कि होश में ही नह

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संगठन में ही शक्ति है

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एक चूहा एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था।एक दिन चूहे ने देखा कि कसाई और उसकी पत्नी एक थैले से कुछ निकाल रहे हैं। चूहे ने सोचा कि शायद कुछ खाने का सामान है। उत्सुकतावश देखने पर उसने पाया कि वो एक

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झूठा सुख

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एक बार एक नदी में हाथी की लाश बही जा रही थी। एक कौए ने लाश देखी, तो प्रसन्न हो उठा, तुरन्त उस पर आ बैठा। यथेष्ट मांस खाया। नदी का जल पिया। उस लाश पर इधर-उधर फुदकते हुए कौए ने परम तृप्ति की डकार ली। व

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शाप के कारण सीताजी को सहना पड़ा वियोग

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प्राचीनकाल में मिथिला में सीरध्वज जनक नाम से प्रसिद्ध धर्मात्मा राजा राज्य करते थे । एक बार राजा जनक यज्ञ के लिए पृथ्वी जोत रहे थे । उस समय चौड़े मुंह वाली सीता (हल के धंसने से बनी गहरी रेखा) से एक कन

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ब्राह्मण का श्राप

29 अप्रैल 2022
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एक दिन सूर्य पुत्र कर्ण शिकार खेलने गए थे। झाड़ियों के पीछे किसी हिंसक प्राणी की आशंका होने पर बिना पड़ताल किए ही कर्ण बाण चला देते हैं। दुर्भाग्य वश वह एक गाय होती है। उस गाय का रखवाला ब्राह्मण यह दृश्

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चार रत्न

29 अप्रैल 2022
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एक वृद्ध संत ने अपनी अंतिम घड़ी नज़दीक देख अपने बच्चों को अपने पास बुलाया और कहा- मैं तुम बच्चों को चार कीमती रत्न दे रहा हूँ, मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम इन्हें सम्भाल कर रखोगे और पूरी ज़िन्दगी इनकी सह

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जीवन का मूल्य

29 अप्रैल 2022
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यह कहानी पुराने समय की है। एक दिन एक आदमी गुरु के पास गया और उनसे कहा- बताइए गुरुजी, जीवन का मूल्य क्या है? गुरु ने उसे एक पत्थर दिया और कहा- जा और इस पत्थर का मूल्य पता करके आ, लेकिन ध्यान रखना पत्थ

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खुशी नहीं आनंद खोजो

29 अप्रैल 2022
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किसी गाँव में एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था। वह दुनिया के सबसे दुर्भाग्यशाली लोगों में से एक था। पूरा गाँव उससे परेशान हो चुका था। वह हमेशा उदास रहता था और सबसे शिकायत करता रहता था। उसका मन भी हमेशा दुखी र

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