कानपुर शहर 'गीत'
जन्नत सा एहसास जहाँ वो शहर हमारा है, ठहर मुसाफिर देख कानपुर नगर हमारा है I राधे-कृष्ण का जे.के. मंदिर है बिठूर धारा, नगर की सरहद बनी हुई है गंगे की धारा; तपेश्वरी माँ के चरणों, अस्तित्व हमारा है, ठहर मुसाफिर देख कानपुर नगर हमारा है I