आप और हम जीवन के सच के साथ आज हम एक ऐसी कहानी और कल्पना या सच यह तो हमारे पाठक ही बता पाएंगे बस इस कहानी में एक ऐसा जोरदार है जोकि जीवन में सच और धर्म के साथ चलने का वादा कर चुका है और ऐसे जीवन के मोड़ पर आ जाता है जहां उसे बहुत कुछ त्याग और बलिदान करना पड़ता है आज हम ऐसे ही जीवन की कहानी लेकर आए हैं नीलेश जो कि अपने घर पर देख नौकरी की प्रतियोगिता के लिए दूसरे शहर लखनऊ आता है संभ्रांत परिवार का नौजवान था उसकी उम्र 28 वर्ष थी और वह अपने घर में सबसे छोटा भाई था अपने घर से बस के सफर में निकला कब जिस सीट पर बैठा था उसी सीट पर एक महिला जिसकी उम्र करीब 35-40 वर्ष के बीच की होगी तब नीलेश ने कहा क्या मैं आपके साथ बैठ सकता हूं मैं बोली हां हां क्यों नहीं बैठे, बस लखनऊ के चल पड़ी । हम बातें करते रहे आपका नाम क्या है राधा मेरा नाम नीलेश है मैं प्राइवेट नौकरी के इंटरव्यू के लिए लखनऊ जा रहा हूं और आप हां मैं भी एक काम से लखनऊ जा रही हूं राधा बोलती है आपकी शादी हो गई नहीं नहीं नीलेश कहता है अभी तो ऐसा इरादा नहीं है आपकी बोली अभी नहीं करी बस रात का सफर शुरू होता है राधा नीलेश के कंधों पर अपना सर रख कर सुस्ताने लगती है निलेश जवान और गठीला बदन का नौजवान था निलेश को भी अच्छा लगने लगा बस रुकी और नीलेश बाहर जाकर चाय और कुछ खाने को ले आया आप खाएंगे नहीं नहीं आप खाइए नीलेश चाय और कुछ खाने को राधा को भी दे देता राधा अपनी उम्र के अनुसार निलेश को पसंद करने लगती है और बस में कुछ ऐसा भी होता है नीलेश और राधा के बीच घटित होता है दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और नीलेश लखनऊ पहुंच कर राधा के घर जाता है और राधा निलेश को बताती है कि वह एक नौकरी करती है परंतु नौकरी गलत रहा की है अब नीलेश समझ जाता है और नीलेश उस रात राधा के साथ उसके घर पर ही रुकता है नीलेश जवानी और नासमझी के दौर से गुजर जाता है तब सुबह राधा कहती है कि तुम अब जा सकते हो । हम जैसी लड़कियों को लोग ऐसे ही इस्तेमाल करते हैं नीलेश कहता है अगर तुम चाहो तो एक अच्छी जिंदगी मेरे साथ बीता सकती हो ,राधा कहती है मैं तुमसे उम्र में बहुत बड़ी हूं नीलेश कहता है अगर जीवन में हम एक दूसरे को समझ ले तो ,उम्र का कोई सवाल नहीं होता राधा कहती है आप ना समझी में ऐसा कह रहे हो और आप और मेरे साथ रात में जो हुआ वह आप जानते हैं नीलेश बोला तभी तो मैं आप से कहता हूं कि आप मेरे साथ चलें और मेरे जीवन में मेरी हम सफर बने और जीवन प्रेम और खुशी के साथ बिताएंगे। राधा भी नीलेश के जज्बातों के साथ विश्वास और एतबार के साथ हमसफ़र बन जाती हैं।
सच तो आप हम समझे पर जिंदगी में हम सभी शारीरिक संबंध और रिश्ते समाज से पूछकर और अनुसार नहीं बनाते है क्योंकि समाज हम से बनता हैं और हम सभी सोचे बस जिंदगी ज़िंदा दिली का नाम है
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