आप सोच रहे होंगे कि यदि आपके मोबाइल फ़ोन पर इन्टरनेट की सुविधा है तो किसी लाइब्रेरी का भी जेब में होना कोई मुश्किल बात नहीं, लेकिन यदि इन्टरनेट सुविधा न हो तो ?
दरअसल, ऐसा ही सपना देख रहे हैं रेडियो शिकागो के प्रोडक्ट डेवलपमेंट हेड रहे प्रतिभाशाली उद्यमी सैय्यद करीम जो कि ‘आउटरनेट’ के रूप में ज्ञान-विज्ञानं के निर्बाध प्रसार को किसी छोटे से छोटे गाँव तक भी पहुँचाना चाहते हैं I उनका कहना है कि ‘संचार और सूचना की पहुँच’ इन्टरनेट का मुख्य पहलू है I वो चाहते हैं कि सूचना पर जोर दिया जाये क्योंकि संचार का हिस्सा इन्टरनेट को मंहगा बनाता है I आउटरनेट परियोजना में कॉपीराइट मुक्त ई-बुक्स समेत कई महत्वपूर्ण वेबसाइट्स के संकलन की योजना है I देश-दुनिया और ज्ञान-विज्ञानं से जुड़ी तमाम सूचनाओं को उपग्रह के ज़रिए प्रसारित किया जायेगा और ज़मीन पर एंटीना में लगा रिसीवर इन्हें प्राप्त करेगा I इसके बाद रिसीवर वाई-फाई लिंक बनाएगा, जिससे आंकड़ों को स्मार्टफोन और अन्य कंप्यूटरों पर कॉपी किया जा सकेगा I
इस तरह किसी छोटे से छोटे गाँव में भी इस एंटीना की मदद से पास-पड़ोस के करीब 300 लोग दर्ज़नों ई-बुक्स और अन्य सूचनाएँ हासिल कर सकते हैं I इसके अलावा लोग अपने फ़ोन पर आउटरनेट से जुड़कर लाइब्रेरी तक पहुँच सकते हैं, क्योंकि ये एक ऑफलाइन वेबसाइट होगी I फ़िलहाल इस परियोजना के लिए आंकड़े एकत्रित और प्रसारित करने के लिए मौजूदा ऑडियो और वीडियो उपग्रहों का इस्तेमाल किया जा रहा है I सैय्यद करीम के अनुसार अभी एक दिन में 200 मेगाबाइट डेटा का प्रसारण संभव है, लेकिन इसे बढ़ाकर 100 गीगाबाइट्स और इससे अधिक करने का लक्ष्य है I
आप सोच रहे होंगे कि यदि आपके मोबाइल फ़ोन पर इन्टरनेट की सुविधा है तो किसी लाइब्रेरी का भी जेब में होना कोई मुश्किल बात नहीं, लेकिन यदि इन्टरनेट सुविधा न हो तो ?
दरअसल, ऐसा ही सपना देख रहे हैं रेडियो शिकागो के प्रोडक्ट डेवलपमेंट हेड रहे प्रतिभाशाली उद्यमी सैय्यद करीम जो कि ‘आउटरनेट’ के रूप में ज्ञान-विज्ञानं के निर्बाध प्रसार को किसी छोटे से छोटे गाँव तक भी पहुँचाना चाहते हैं I उनका कहना है कि ‘संचार और सूचना की पहुँच’ इन्टरनेट का मुख्य पहलू है I वो चाहते हैं कि सूचना पर जोर दिया जाये क्योंकि संचार का हिस्सा इन्टरनेट को मंहगा बनाता है I आउटरनेट परियोजना में कॉपीराइट मुक्त ई-बुक्स समेत कई महत्वपूर्ण वेबसाइट्स के संकलन की योजना है I देश-दुनिया और ज्ञान-विज्ञानं से जुड़ी तमाम सूचनाओं को उपग्रह के ज़रिए प्रसारित किया जायेगा और ज़मीन पर एंटीना में लगा रिसीवर इन्हें प्राप्त करेगा I इसके बाद रिसीवर वाई-फाई लिंक बनाएगा, जिससे आंकड़ों को स्मार्टफोन और अन्य कंप्यूटरों पर कॉपी किया जा सकेगा I
इस तरह किसी छोटे से छोटे गाँव में भी इस एंटीना की मदद से पास-पड़ोस के करीब 300 लोग दर्ज़नों ई-बुक्स और अन्य सूचनाएँ हासिल कर सकते हैं I इसके अलावा लोग अपने फ़ोन पर आउटरनेट से जुड़कर लाइब्रेरी तक पहुँच सकते हैं, क्योंकि ये एक ऑफलाइन वेबसाइट होगी I फ़िलहाल इस परियोजना के लिए आंकड़े एकत्रित और प्रसारित करने के लिए मौजूदा ऑडियो और वीडियो उपग्रहों का इस्तेमाल किया जा रहा है I सैय्यद करीम के अनुसार अभी एक दिन में 200 मेगाबाइट डेटा का प्रसारण संभव है, लेकिन इसे बढ़ाकर 100 गीगाबाइट्स और इससे अधिक करने का लक्ष्य है I