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अभिषेक जैन { ajain_words} स्वरचित पुस्तकें - आईना / दृष्टि / क्षितिज / अधूरे अल्फाज । (Available on Amazon and Flipkart ) अपने ही एहसासों और अनुभवो को जिंदगी के पहलुओं से जोड़कर व्यक्ति के विचारों को छूने की कोशिश करने वाले लेखक है जिनके शब्द वर्तमान के परिदृश्य का आईना बनते है । इनका मानना है कि- अल्फ़ाज़ ही दुनिया को बदलने की शक्ति रखते है तथा इससे ही व्यक्ति के विचारों को सामर्थ्य प्राप्त होता है । धन्यवाद सा ।

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-07-04
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2021-10-28

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अल्फ़ाज़ जिंदगी के

अल्फ़ाज़ जिंदगी के

हम सबके एहसासों को अपने शब्दों में पिरोकर उनकी हकीकत का सामना कराने की एक कोशिश ।

निःशुल्क

अल्फ़ाज़ जिंदगी के

अल्फ़ाज़ जिंदगी के

हम सबके एहसासों को अपने शब्दों में पिरोकर उनकी हकीकत का सामना कराने की एक कोशिश ।

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अधूरे अल्फ़ाज़

अधूरे अल्फ़ाज़

यह संकलन सिर्फ़ शब्दों का नहीं बल्कि उन सभी एहसासों का है, जो शब्दो से सजकर भी अनछुए या अनकहे रह जाते है। एहसास बहुत सुनहरे होते है, एक ही एहसास किसी को ख़ुशी तो किसी को ग़म दे जाता है।एहसासों की दुनिया पूरे होने की दहलीज़ पर खड़ी रहती हैं, जो किस

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अधूरे अल्फ़ाज़

अधूरे अल्फ़ाज़

यह संकलन सिर्फ़ शब्दों का नहीं बल्कि उन सभी एहसासों का है, जो शब्दो से सजकर भी अनछुए या अनकहे रह जाते है। एहसास बहुत सुनहरे होते है, एक ही एहसास किसी को ख़ुशी तो किसी को ग़म दे जाता है।एहसासों की दुनिया पूरे होने की दहलीज़ पर खड़ी रहती हैं, जो किस

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ख्वाबों की दुनिया

ख्वाबों की दुनिया

कुछ ख़्वाब या कुछ उम्मीद जो शब्दों में आजकर हकीकत में होने का आभास करवा रही है । कुछ कविताओं के संकलन अनेक पहलुओं से जो मिलवा रही है ।

5 common.readCount
8 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 9/-

ख्वाबों की दुनिया

ख्वाबों की दुनिया

कुछ ख़्वाब या कुछ उम्मीद जो शब्दों में आजकर हकीकत में होने का आभास करवा रही है । कुछ कविताओं के संकलन अनेक पहलुओं से जो मिलवा रही है ।

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साथ

19 मई 2024
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1

निस्वार्थ की गई दोस्तीमें हक मांगे नही जातेयदि निभा रहा कोई एक पूरी शिद्दत से अपना फर्जतो उसकी खशी को अपने स्वार्थ सेछुपा नही सकते ये मसला है चंद लमहा काइसे सालो तक खींचा नही करतेयदि रखता है

गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 2023
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वर्षो की गुलामी से भय मुक्त हुए एक समान बनने को हम तैयार हुए रखकर अपने कदम वैश्विक हर पहलू पर देखो हम लोकतंत्र के रूप में प्रतिष्ठित हुए 395 अनुच्छेद 12 अनुसूची और 25 भाग में विभाजित होकर विश्व क

सिसक

20 जनवरी 2023
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नैनो की वो मझधार  जो रुक भी ना सकी और रो भी ना सकी इजहार तेरे इश्क का  तुझसे जुदा होते वक्त कर भी न सकी सिसक कर रह गई तब मेरी हर एक सांस जब तेरी झुकती पलकें भी  उन जाते लम्हे को थाम ना स

त्यौहार

23 अक्टूबर 2022
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*HAPPY DIWALI FRIENDS* ©️  Abhishek jain  IG Ajain_words त्यौहार ( दिवाली ) जगमग तारों की रोशनी तले  कुछ ख्वाबों के दीए जलाए हैं  अतीत की कुछ घटनाओं के लिए  हमने खुशियों के दिन मनाए हैं

इंतजार

20 जुलाई 2022
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लबो पर एहसास ए ज़िक्र का इंतज़ार है आंखों में गहराई का इंतज़ार है दूर से ही सही पर समझ आता है की उनके जज्बातो को भी हमारा इंतज़ार है मन तो हमारा भी व्याकुल है उनसे मिलन का पर प्रेम की ऋतु का इंतज़ार ह

शांति

19 जुलाई 2022
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बहती पानी की धारा, जब सिर को भिगोती है । दूर कहीं पहाड़ों पर, जब एकांत में आंखे बंद होती है । पक्षियों की चहचहाट के बीच पानी की गिरती कल कल की आवाज़, जब मन को शांत कर देती है । दुनिया की फिक्र से

रेतीला अरमान

4 जुलाई 2022
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Name Abhishek jain Insta @ajain_words रेतीला अरमान अरमानों की तर्ज पर  एक घर हमनें भी बनाया है  पसीनों की बूंद को, रेत में मिला एक रेतीला ख्वाब सजाया है  विशाल समंदर किनारे ढलती शाम

अजीब बात है ना

4 जुलाई 2022
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अजीब बात है ना..... एक वक्त था जब तुम्हे देखने के ख्याल से ही दिल मचल उठता था  और अब तुम्हे देखकर भी लब खामोश हो जाते है । मैं चाहूं तो भी समझा नही पाता कितने भी पिरों लूँ लफ्ज़  बयां कर

माँ

8 मई 2022
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बिना दिखाई दिए भी हर जगह दिखाई देती है वो..बिना बताए भी हर हाल जान लेती है वो..कुछ तो बात है उनकी इबादत में कि..बिन मांगे भी हर दुआ कबूल कर देती है वो..खुद रोकर भी मुझे ख़ुशी द

अफसाना

2 मई 2022
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अफसानाअफसाना बनाकर मेरे ख्यालो कावो हर रात महफ़िल सजाते रहे दोस्तो के बीच ऊँचाई दिखाने के लिये हमारे ख्यालों को गिराते रहें ।कहते हर जज्बात थे उनसे हमजिनका वो अफसाना बना

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